भोजपुरः पुलिस थाने में 29 वर्षों से कैद थे भगवान, भव्य शोभायात्रा निकाल कर पूरे इलाके का भ्रमण कराया, जानें मामला
By एस पी सिन्हा | Published: March 29, 2023 03:47 PM2023-03-29T15:47:11+5:302023-03-29T15:48:03+5:30
कोर्ट का आदेश मिलने के बाद मालखाने से 29 वर्षों बाद अष्टधातु की बनी भगवान हनुमान जी और संत बरबर स्वामी की मूर्ति को बाहर निकाला गया।
पटनाः बिहार के भोजपुर(आरा) जिले में 29 वर्षों से थाना में कैद रहे भगवान कोर्ट से रिहाई का आदेश मिलने के बाद रिहा हो गये। भगवान जिले के बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी पुलिस थाने के मालखाने में 29 वर्षों से कैद थे। आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेन्द्र सिंह ने रिलीज आर्डर जारी किया था।
वहीं कोर्ट के आदेश के बाद थाने से रिहाई मिलने के बाद भगवान के भक्तों में काफी खुशी की लहर दौड़ गई। कोर्ट का आदेश मिलने के बाद मालखाने से 29 वर्षों बाद अष्टधातु की बनी भगवान हनुमान जी और संत बरबर स्वामी की मूर्ति को बाहर निकाला गया।
An idol of #LordHanuman, which had been kept in the strong room of a police station in #Bihar's Bhojpur district, was finally released after a long wait of 29 years.https://t.co/QE1Qh5xuAd
— IndiaToday (@IndiaToday) March 29, 2023
बताया जाता है कि मालखाने से निकाले जाने के दौरान भारी संख्या में मौजूद भक्तों द्वारा उनकी विधिवत पूजा अर्चना करते हुए भव्य शोभायात्रा निकाल कर पूरे इलाके का भ्रमण कराया गया, साथ ही भगवान की मूर्ति को गुंडी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान के मंदिर में पुनः स्थापना कराने की तैयारी की जा रही है।
दरअसल, भगवान की मूर्ति को रिलीज कराने में बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल और आरा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार दुबे के साथ-साथ ग्रामीणों का भी काफी सहयोग रहा है। बताया जाता है कि आज से करीब 29 साल पहले 29 मई 1994 को बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंड़ी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान मंदिर में स्थापित अष्ट धातु के भगवान हनुमान जी की मूर्ति और संत बरबर स्वामी जी की मूर्ति को अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी कर ली गई थी।
जिसके बाद वहां के तत्कालीन मंदिर के पुजारी जनेश्वर द्विवेदी के द्वारा कृष्णागढ़ ओपी में मूर्ति चोरी का आरोप लगाते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया गया था। जहां पुलिस ने मूर्ति चोरी के अनुसंधान के क्रम में मंदिर से चोरी गई दोनों अष्टधातु के भगवान की मूर्तियों को 25 मई 1994 को नगर थाना क्षेत्र के भलुही पुर गौसगंज बाधार के चोंचाबाग स्थित एक कुएं से बरामद किया था।
तब से मूर्ति को कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने में रखा गया था। जहां लंबे कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट में यह केस डिस्पोजल हो गया और थाने के मालखाने में कैद भगवान को आखिरकार कोर्ट के रिलीज ऑर्डर के बाद रिहा कर दिया गया। राम नवमी पर्व के दौरान भगवान राम के भक्त हनुमान हनुमान जी और संत बरहर स्वामी को बाहर निकाले जाने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई।
लोगों का हुजूम उमड पडा। पूरे इलाके में खुशी की लहर दौड पडी। वहीं कोर्ट से भगवान की रिहाई का आदेश मिलने के बाद कृष्णागढ़ ओपी प्रभारी ब्रजेश सिंह ने कहा कि काफी खुशी की बात है कि भगवान को मालखाने से बाहर निकाल मंदिर में स्थापित किया जा रहा है, जहां अब भगवान का दर्शन भक्त सीधा करेंगे और उनकी पूजा-अर्चना भी होगी।