मरने के बाद भी एक साल तक इंसान को नहीं मिलती शांति, वैज्ञानिकों ने इंसानी शव को लेकर किये खुलासे
By पल्लवी कुमारी | Published: September 16, 2019 12:54 PM2019-09-16T12:54:30+5:302019-09-16T12:54:30+5:30
ऑस्ट्रेलिया की वैज्ञानिक एलिसन विल्सन ने रिसर्च करने के लिए 17 महीने तक शवों की गतिविधियों को कैमरे में रिकॉर्ड किया है। कैमरा हर 30 मिनट में शवों की तस्वीर लेता था।
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक ने दावा किया है कि मरने के बाद भी इंसानी शव तकरीबन एक साल तक भटकता और हिलता रहता है। यह खुलासा ऑस्ट्रेलिया की वैज्ञानिक एलिसन विल्सन ( Alyson Wilso) ने 17 महीनों की रिसर्च के बाद किया है। रिसर्च के बाद महिला वैज्ञानिक ने एएफपी को बताया है कि मरने के बाद भी इंसान के शव को शांति नहीं मिलती है।
ऑस्ट्रेलिया की वैज्ञानिक एलिसन विल्सन ने रिसर्च करने के लिए 17 महीने तक शवों की गतिविधियों को कैमरे में रिकॉर्ड किया है। एलिसन विल्सन का कहना है कि रिसर्च के शुरुआती वक्त में हमने शव से हाथों को सटाकर रखा था लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया हमने देखा कि हाथ शव से बाहर की ओर आये हुये थे।
एलिसन विल्सन ने रिसर्च में यह भी कहा है कि शव का हिलना इसलिए होता है कि क्यों कि जैसे-जैसे इंसानी शव डीकंपोजिशन की अवस्था में जाता है, वो सूखने लगता है। जिसके बाद वह धीरे-धीरे बाहर की ओर खिसक जाता है। एलिसन विल्सन ने रिसर्च में यह भी कहा है कि शव में ज्यादातर हरकत हाथ और पैरों में होती है।
हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी के रिपोर्ट के मुताबिक, एलिसन विल्सन ने हर महीने 70 शवों की स्टडी की। जिसके लिये वह ऑस्ट्रेलिया के कैरेन्स शहर से सिडनी तीन घंटे की हवाई यात्रा करके जाती थीं। सिडनी एक बहुत बड़ा बॉडी फार्म है, जहां मेडिकल के छात्र और डॉक्टर शवों का अधय्यन करते हैं। इस फार्म को ऑस्ट्रेलियन फैसिलिटी फॉर टैफोनॉमिक एक्सपेरिमेंटल रिसर्च के नाम से जाना जाता है।
एलिसन विल्सन के मुताबिक शवों की हर गतिविधी को कैप्चर करने के लिए टाइम लैप्स कैमरा लगाया गया था, जो हर 30 मिनट में शवों की तस्वीर लेता था।