नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार (20 जुलाई) सचिन पायलट को 'निक्कमा और नकारा' बताया। सीएम अशोक गहलोत के इस बयान को लेकर उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग अशोक गहलोत के अभ्रद भाषा पर सवाल उठा रहे हैं। इसी बीच पार्टी से सस्पेंड चल रहे कांग्रेस नेता संजय झा ने भी अशोक गहलोत की आलोचना की है। संजय झा ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''निकम्मा और नालायक कहना पूर्व उपमुख्यमंत्री को गाली देना। वो भूल गए हैं कि सचिन पायलट अब भी कांग्रेस में हैं। अब अशोक गहलोत को बर्खास्त करने और पार्टी के नियमों के खिलाफ जाने के लिए उनको कौन निलंबित करेगा?''
पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप के बाद संजय झा को कांग्रेस ने सस्पेंड कर दिया था। संजय झा ने राजस्थान के सियासी ड्रामे पर नसीहत दी थी।
अपने एक अन्य ट्वीट में संजय झा ने लिखा, अशोक गहलोत ने जो घटिया और चिप भाषा का सचिन पायलट के खिलाफ इस्तेमाल किया है, वो निंदनीय है। उन्होंने लिखा, पार्टी में अश्लील ट्रोलिंग की नई राजनीतिक संस्कृति कांग्रेस में नहीं है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने तंज करते हुए लिखा, ''नकारा, निक्कमा'' गहलोत जी का कहीं पे नजारा कहीं पे इशारा!!
इसके अलावा सोशल मीडिया पर कई यूजर ने अशोक गहलोत की आलोचना की है।
कई ट्विटर यूजर ने सवाल उठाए हैं कि क्या एक मुख्यमंत्री को ऐसी भाषा शोभा देती है।
यहां देखें अशोक गहलोत का वह पूरा बयान, जिसमें उन्होंने सचिन पायलट को 'निक्कमा, नकारा'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागी नेता सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के रूप में इतना मान-सम्मान मिला वही पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने का तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई और उदाहरण देखने को मिले कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने के षडयंत्र किया।
गहलोत ने जयपुर में सोमवार (20 जुलाई) को मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'निकम्मा एवं नकारा' होने के बावजूद पायलट सात साल तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे लेकिन पार्टी के हित को ध्यान में रखते हुए किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया।
उन्होंने कहा, ''हिंदुस्तान में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की कभी मांग नहीं हुई। हम जानते थे कि 'निक्कमा' है, 'नकारा' है, कुछ काम नहीं कर रहा है ... खाली लोगों को लड़वा रहा है।''
उन्होंने कहा, ''फिर भी राजस्थान में हमारी संस्कृति ऐसी है, हम नहीं चाहते थे कि दिल्ली में लगे कि राजस्थान वाले लड़ रहे हैं। उनका मान सम्मान रखा। प्रदेश कांग्रेस को कैसे सम्मान दिया जाता है वह मैंने राजस्थान में लोगों को सिखाया। उम्र नहीं पद मायने रखता है।''
मुख्यमंत्री ने कहा, मान सम्मान पूरा दिया। सब कुछ किया... वह व्यक्ति कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंके जाने के लिए तैयार हो जाए? गहलोत ने कहा, कारपोरेट हाउस लगे हैं। मोदी जी, भाजपा को खुश करने ... यह बड़ा षडयंत्र है कांग्रेस सरकार को गिराने का। कई शक्तियां लगी हैं।
गहलोत ने कहा कि उन्हें पहले से ही पता था कि राज्य में यह चल रहा है। उन्होंने कहा, किसी को यकीन नहीं होता जब मैं बात करता था कि राजस्थान में सरकार को गिराने का षडयंत्र चल रहा है। तो किसी को यकीन नहीं होता था कि यह व्यक्ति यह काम कर सकता है। मासूम चेहरा, बोलने के लिए हिंदी और अंग्रेजी पर अच्छी पकड़। पूरे देश में मीडिया को प्रभावित कर रखा है जैसे मैंने बहुत मेहनत की और मैं ही राज लेकर आया राजस्थान में।
गहलोत ने कहा, राजस्थान की जनता जानती है कि कितना योगदान उनका था। हमने फिर भी कभी उन पर सवाल नहीं किया कि आप कितनी रगड़ाई करवा रहे हो, कितना काम कर रहे हो, कितना संघर्ष कर रहे हो। हमने पार्टी हित को ध्यान में रखते हुए सवाल नहीं किया। हम जानते थे कि क्या हो रहा है यहां कुछ नहीं हो रहा। फिर भी सवाल नहीं किया।