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निर्भया के दोषी अक्षय की फांसी से बचने की सारी कोशिश बेकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 18, 2019 02:05 PM2019-12-18T14:05:26+5:302019-12-18T14:05:26+5:30

निर्भया बलात्कार मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले के खिलाफ एक दोषी अक्षय कुमार सिंह ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ इस याचिका पर फैसला सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना भी शामिल थे.. दिल्ली सरकार की ओर से अदालत में याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें मानवता रोती है और यह मामला उन्हीं में से एक है। मेहता ने कहा, कई ऐसे अपराध होते हैं जहां भगवान बच्ची (पीड़िता) को ना बचाने और ऐसे दरिंदे को बनाने के लिए शर्मसार होते होंगे। ऐसे अपराधों में मौत की सजा को कम नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो होना तय है उससे बचने के लिए निर्भया मामले के दोषी कई प्रयास कर रहे हैं और कानून को जल्द अपना काम करना चाहिए। दोषियों की आरे से पेश हुए वकील ए. पी सिंह ने अदालत से कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु और जल प्रदूषण की वजह से पहले ही लोगों की उम्र कम हो रही है और इसलिए दोषियों को मौत की सजा देने की कोई जरूरत नहीं है।

 

 

 

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