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Farmer Protest: UP-Ghazipur बॉर्डर खाली करेंगे प्रदर्शनकारी किसान| Rakesh Tikait को थमाया नोटिस

By गुणातीत ओझा | Updated: January 28, 2021 22:39 IST

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गाजीपुर बॉर्डर पर खत्म होगा आंदोलनमुश्किल में राकेश टिकैततीन कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 2 महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है। दिल्ली हिंसा के बाद अब गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से गाजीपुर बॉर्डर खाली करने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने प्रदर्शनकारियों से धरना स्थल खाली करने का आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में जहां भी किसान धरना प्रदर्शन हो रहा है उसे तत्काल प्रभाव से खत्म कराया जाए। वहीं, दिल्ली-यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रशासन की सख्ती के बीच मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख चौधरी नरेश टिकैत का बड़ा बयान आया है। उन्होंने गाजीपुर बॉर्डर से धरना खत्म करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सब सुविधाएं बंद होने के बाद धरना कैसे चलेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को धरना खत्म कर वापस लौटने को बोला है। भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि पिटाई से अच्छा है किसान धरना खत्म कर दें। सिसौली में महापंचायत के दौरान नरेश टिकैत ने यह बयान दिया है।गाजियाबाद प्रशासन ने किसानों को यूपी गेट धरना स्थल खाली करने के लिए अल्टीमेटम दे दिया है। आज किसान धरना स्थल खाली कर सकते हैं। आधी रात तक यूपी गेट में किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है। जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद है। प्रशासन धरना स्थल खाली कराने की तैयारी कर रहा है।उत्तर प्रदेश के ADG (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, '26 जनवरी को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से चिल्ला बॉर्डर, दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया है। बागपत में लोगों को समझाने के बाद उन्होंने रात में धरना खत्म कर दिया। यूपी गेट पर अभी कुछ लोग हैं, उनकी संख्या काफी कम हुई है। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- गाजीपुर बॉर्डर खाली करने पर जल्दी फैसला करेंगे। बता दें कि दिल्ली पुलिस कि एफआईआर में राकेश टिकैत का भी नाम शामिल है। दिल्ली पुलिस ने टिकैत को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है कि वह जवाब दें कि क्यों न उन्हें गिरफ्तार किया जाए। नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से ट्रैक्टर रैली को लेकर जो शर्तें रखी गईं थीं, उसका उल्लंघन क्यों किया गया है? शर्तों के मानने पर ही ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी गई थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसे लेकर ही किसान नेताओं से सवाल जवाब किए जा रहे हैं।बताते चलें कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन में फूट दिखाई दे रही है। दो किसान संगठनों ने आंदोलन वापस ले लिया है, जबकि अन्य किसान संगठन के नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली पुलिस ने उन किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो किसान ट्रैक्टर रैली की एनओसी पर अपने हस्ताक्षर किए थे। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर रैली में कुछ उपद्रवियों ने तय रूट से आगे बढ़कर दिल्ली में कूच कर दिया और लालकिले पर निशान साहिब और किसान संगठन का झंडा फहराया था। यहीं नहीं इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के 300 जवान घायल हो गए, कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आईं हैं।
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