Uttar pradesh Vidhan sabha 2023: यूपी विधानसभा में मोबाइल, झंडा और बैनर बैन!, शीतकालीन सत्र की शुरुआत 28 नवंबर से, जानें खास बातें
By राजेंद्र कुमार | Published: November 25, 2023 05:14 PM2023-11-25T17:14:02+5:302023-11-25T17:22:38+5:30
Uttar pradesh Vidhan sabha 2023: सदन में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी और महिला सदस्यों को खास वरीयता दी जाएगी ताकि वह अपनी बात रख सकें।
Uttar pradesh Vidhan sabha 2023: उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना बेहद खुश हैं. इसकी वजह है उनकी देखरेख में तैयार हुई विधानसभा के संचालन की नई नियमावली के लागू होने का दिन तय हो जाना. जिसके तहत आगामी 28 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र का संचालन इस नई नियमावली के तहत होगा.
यूपी विधानसभा में 66 साल बाद यह बदलाव हुआ है. यानी विधानसभा के इस शीतकालीन सत्र के दौरान सत्ता पक्ष तथा विपक्ष का कोई भी विधायक सदन में ना तो झंडा-पोस्टर और मोबाइल ला सकेगा. और ना ही कोई विधायक सदन में बैनर लहराकर अपना विरोध जता सकेगा.
चार दिवसीय इस शीतकालीन सत्र में सभी मंत्री और विधायकों को नई नियमावली के प्रावधानों के अनुसार ही आचरण करना होगा. और इस दरमियान योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट भी पेश करेगी।
विधायकों के लिए सदन में नियम कायदे :
राज्य के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का दावा है कि इस चार दिवसीय शीतकालीन सत्र से विधानसभा का संचालन नई नियमावली यानी उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली 2023 के मुताबिक होगा. इस नई नियमावली को मॉनसून सत्र में सदन की मंजूरी मिली थी.
पिछले सत्र तक विधानसभा का संचालन 1958 की नियमावली के मुताबिक किया जाता था. जिसे बदलने के फैसला विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के बाद सतीश महाना ने लिया था. महाना बताते हैं कि नई नियमावली के मुताबिक अब विधायक (सदस्य) न तो अध्यक्ष पीठ (आसन) की तरफ पीठ करके बैठेंगे और न ही खड़े होंगे.
विधायकों के अध्यक्ष पीठ तक जाने की भी मनाही होगी. विधायकों का वेल में आना और कागज के गोले बनाकर अध्यक्ष की तरफ फेंकना अनुशासनहीनता माना जाएगा. कोई जरूरी काम होने पर विधायक पीठासीन अधिकारी के जरिए अध्यक्ष को पर्ची को भेजकर उन्हे अपनी बात बता सकेंगे. इस नई नियमावली में प्रश्नोत्तर के नियमों में भी बदलाव किया गया है.
सदन में किसी भी मामले पर चर्चा के दौरान कोई विधायक किसी अधिकारी का नाम लेकर आरोप-प्रत्यारोप नहीं ला सकेगा. कोई सदस्य सभा मंडप में धूम्रपान नहीं किया जा सकेगा. ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर निर्धारित अर्थदंड से दोगुनी वसूली होगी. लाइसेंसी शस्त्र लेकर भी कोई विधायक सदन में नहीं ला सकेगा.
सतीश महाना कहते हैं कि 28 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. विधायकों की सीटों पर लगे सभी डिवाइसों की जांच कराई जा चुकी है. सत्र से संबंधित अन्य तकनीकी पहलुओं को भी दिखाया जा चुका है. विधायकों की मेज पर लगे माइक और डेस्कटॉप आदि भी चेक किए जा चुके हैं. सत्र के दौरान महिला विधायकों को बोलने में वरीयता प्रदान की जाएगी.
सदन में कब क्या होगा:
मंगलवार 28 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के वर्तमान और भूतपूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया जाएगा. जबकि 29 नवंबर को प्रथम पहर में सदन में औपचारिक कार्य, जिसमें अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों आदि को सदन के पटल पर रखा जाएगा.
साथ ही विधेयकों का पुन:स्थापन कार्य होगा. इसके बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक अनुदानों की मांगों का प्रस्तुतीकरण एवं अन्य विधाई कार्य निपटाए जाएंगे. सत्र के तीसरे दिन 30 नवंबर को वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक अनुदानों पर चर्चा होगी.
सदस्यगणों मांगों पर विचार एवं मतदान होगा. इसी दिन विनियोग विधेयक का सदन की अनुज्ञा से पुनः:स्थापन का कार्य भी होगा. इसके अलावा अन्य विधाई कार्य निपटाए जाएंगे. वहीं शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन 1 दिसंबर को विधायी कार्य निपटाए जाएंगे.