दिल्ली-कटरा रूट पर सबसे तेज ट्रेन 'वंदे भारत' का ट्रायल शुरू, अगले महीने दौड़ेगी, जानें किराया, टाइम टेबल
By उस्मान | Published: July 22, 2019 01:11 PM2019-07-22T13:11:57+5:302019-07-22T16:47:04+5:30
भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' (Vande Bharat Express) का दिल्ली-कटरा रूट पर ट्रायल शुरू हो गया है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने कटरा जाने वाले श्रद्धालुओं और जम्मू-कश्मीर घूमने जाने वाले पर्यटकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दिल्ली-वारणसी रूट समय, गति, सुविधाओं और खानपान के मामले झंडे गाड़ चुकी भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' (Vande Bharat Express) का दिल्ली-कटरा रूट पर ट्रायल शुरू हो गया है। ट्रेन अपने तय समय आज सुबह 6 बजे दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना हो चुकी है। बताया जा रहा है कि अपने निर्धारित समय यानी दोपहर 2 बजे तक कटरा स्टेशन पहुंच जाएगी।
इस बीच ट्रेन तय समय पर लुधियाना रेलवे स्टेशन पर सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर पहुंची और सात मिनट रुकने के बाद 9 बजकर 26 मिनट पर रवाना हुई। ट्रेन कटरा से 3 बजे वापस आएगी और रात 11 बजे तक दिल्ली पहुंच जाएगी। ट्रायल खत्म होने के बाद भारतीय रेलवे आधिकारिक रूप से अगले महीने से इस रूट ट्रेन शुरू कर सकता है।
Delhi-Katra trial run of Vande Bharat Express begins. First train on trial run flagged off today via @indiatvnewspic.twitter.com/bktpCERGQh
— Himanshu Shekhar (@HimaanshuS) July 22, 2019
यात्रा का समय 4 घंटे हो जाएगा कम
दिल्ली-कटरा रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस के चलने से यात्रियों के समय में चार घंटों की बचत होगी। फिलहाल इस रूट पर सबसे तेज चलने वाली ट्रेन इस दूरी को लगभग 12 घंटे में पूरा करती है।
हफ्ते में तीन दिन चलेगी ट्रेन (Delhi Katra Vande Bharat Express time table)
बताया जा रहा है कि यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन सोमवार, गुरुवार और शनिवार को चलेगी। ट्रेन सुबह 6 बजे दिल्ली से रवाना होगी और दोपहर 2 बजे कटरा पहुंचेगी। वापसी में कटरा से दोपहर 3 बजे रवाना होगी और 11 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इस बीच ट्रेन अंबाला, लुधियाना और जम्मू तवी पर रुकेगी।
#vandebharat interior pic.twitter.com/OPcqVoXY7Z
— Madhu L (@MadhuL13) July 22, 2019
वंदे भारत एक्सप्रेस की सुविधाएं (Vande Bharat Express facilities)
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने दूसरी ट्रेन को कुछ खास बदलावों के साथ तैयार किया है। पहली ट्रेन पर पत्थरबाजी को देखते हुए इस बार ट्रेन में मजबूत शीशें लगाये जा रहे हैं। शीशों को पथराव से बचाने के लिए खिड़कियों में विशेष फ्रेम होंगे। इतना ही इसमें पहली ट्रेन की तुलना में बड़ी पेंट्री भी होगी। बड़ी पेंट्री करने के उद्देश्य यह है कि ये ट्रेन लंबी दूरी वाले रूट पर चल सकती है जिससे यात्रियों को दो बार भोजन परोसा जाता है, इसलिए अधिक भंडारण स्थान की आवश्यकता होती है।
पूरी ट्रेनएसी और चेयर कार वाली है, जिसमें 16 कोच होंगे। इनमें से दो एक्जीक्यूटिव चेयर कार और बाकी सामान्य चेयर कार वाले कोच होंगे। ट्रेन का पहला और आखिरी कोच दिव्यांगों के लिए होगा। ट्रेन के चलने से पहले दरवाजे स्वयं बंद हो जाएंगे। पहले कोच से लेकर अंतिम कोच तक जाने के लिए ट्रेन के अंदर दरवाजे लगाए गए हैं। ट्रेन के रुकने के समय कोच के अंदर से सीढ़ियां बाहर निकलेंगी।