भारत में है दुनिया का सबसे ऊंचा गांव, एक जैसे दिखते हैं यहां बने सभी घर
By मेघना वर्मा | Published: August 21, 2018 11:03 AM2018-08-21T11:03:23+5:302018-08-21T11:03:23+5:30
यहां आकर सैलानी यहां की प्राकृतिक छटा, अनूठी संस्कृति, निराली परंपराओं और बौद्ध मठों के बीच खुद को एक नई दुनिया में पाते हैं।
भारत में ऐसी बहुत सी जगहें हैं जो अपने आप में ही रोचक हैं। प्राकृतिक खूबसूरत नजारों के साथ भारत देश हमेशा ही पर्यटकों को लुभाता आया है। आज हम बात करेंगे भारत के एक ऐसे ही गांव की जिसे दुनिया भर में सबसे ऊंचा गांव कहा जाता है। इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। अगर आप ऐडवेंचर और प्रकृतिक नजारों के शौकीन हैं तो आप इस गांव में अपनी अगली ट्रिप के लिए रवाना हो सकते हैं। क्या है इस गांव में खास हम बताते हैं आपको।
हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत गांव किब्बर को दुनिया का सबसे ऊंचा गांव माना जाता है। समुद्र तल से 4850 मीटर की ऊंचाई पर बसा ये गांव प्रदेश की राजधानी शिमला से तकरीबन 430 किलोमीटर दूर है। यहां आपको रंग-बिरंगे कई बौद्ध मठ हैं भी देखने को मिल जाएंगे। किब्बर गांव में बनी मॉनेस्ट्री सबसे ऊंचाई पर बनी है। अगर आप भी किब्बर जाना चाहते हैं तो यहां पहुंचने के लिए कुंजम दर्रे से होकर स्पीति घाटी पहुंचना होता है। इसके बाद का 12 किलोमीटर का कठिन पहाड़ी रास्ता पार करके आप यहां पहुंच सकते हैं।
गांव पहुंचते ही होगा ताजगी का एहसास
बेहद कठिन रास्ते से होते हुए जब आप लोसर गांव में ही पहुंचेगें तो ही आपको ताजगी का अहसास होने लगेगा। किब्बर पहुंचने के लिए कुंजम दर्रे से होकर स्पीति घाटी पहुंचना होता है। स्पीति नदी के दाईं ओर स्थित लोसर, स्पीति घाटी का पहला गांव है। स्पीति उपमंडल के मुख्यालय काजा से किब्बर महज 20 किलोमीटर दूर है। यहां रास्ते में जगह-जगह आपको बर्फ की मोटी परत जमी मिलेगी।
दिल्ली से 730 किलोमीटर की है दूरी
अगर आप दिल्ली से किब्बर जाने का प्लान बना रहे हैं तो हम बता दें कि दिल्ली से इसकी दूरी तकरीबन 730 किलोमीटर की है। स्पीति नदी के दाईं ओर स्थित लोसर, स्पीति घाटी का पहला गांव है। यहां बस स्टैंड के पास कई होटल हैं। यहां आप होटल में ठहर सकते हैं। यहां से किब्बर जाने के लिए आपको 1000 रुपये में टैक्सी या कैब मिल जाएगी। टैक्सी शेयर करने की भी सुविधा मिलेगी।
बर्फ का रेगिस्तान तो कहीं चमचमाती झील
किब्बर घाटी में कहीं सपाट बर्फीला रेगिस्तान है, तो कहीं हिम शिखरों में चमचमाती झीलें। यहां आकर सैलानी यहां की प्राकृतिक छटा, अनूठी संस्कृति, निराली परंपराओं और बौद्ध मठों के बीच खुद को एक नई दुनिया में पाते हैं। एक बार अगर आप किब्बर की ट्रिप करेंगे तो जिंदगीभर यहां की ताजगी नहीं भूल सकेंगे। काजा के किब्बर को जाने वाले इस रास्ते में कई बौद्ध मठ भी पड़ते हैं।
एक जैसी पोशाक
यहां का लोकनृत्य अनूठा है। यहां की महिलाएं और पुरुष दोनों ही चुस्त पायजामा पहनते हैं। यहां के लोग एक खास जूता पहनते हैं जिसे ल्हम कहा जाता है। इस जूते का तला चमड़े का होता है, जबकि ऊपरी भाग गर्म कपड़े का बना होता है।
100 से अधिक एक जैसे घर
किब्बर गांव में 100 से अधिक घर हैं। खास बात यह है कि सभी घर पत्थर और ईंट के बने हुए हैं। घरों की एकरूपता इन्हें दूर से देखने पर और आकर्षक बनाती है। सभी घर सफेद रंग के हैं। यहां पाए जाने वाले जानवरों में ब्लू शीप, आईबेक्स, रेड फॉक्स, हिमालयी भेड़िया और स्नो लेपर्ड हैं।