लाइव न्यूज़ :

AllNewsPhotosVideos

आरटीआई

Rti, Latest Marathi News

Read more

सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है, जो 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। यह कानून भारत के  सभी नागरिकों को सरकारी फाइलों/रिकॉडर्‌‌स में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार देता है। जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर भारत के सभी भागों में यह अधिनियम लागू है। सरकार के संचालन और अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन के मद में खर्च होने वाली रकम का प्रबंध भी हमारे-आपके द्वारा दिए गए करों से ही किया जाता है। यहां तक कि एक रिक्शा चलाने वाला भी जब बाज़ार से कुछ खरीदता है तो वह बिक्री कर, उत्पाद शुल्क इत्यादि के रूप में टैक्स देता है। इसलिए हम सभी को यह जानने का अधिकार है कि उस धन को किस प्रकार खर्च किया जा रहा है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा है।

क्रिकेट : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को RTI के दायरे में लाने की सिफारिश पर BCCI ने दिया यह बयान

क्रिकेट : बीसीसीआई को RTI के दायरे में लाया जाए, लॉ कमिशन की मोदी सरकार को सिफारिश

भारत : सुप्रीम कोर्ट का फैसला, आरटीआई आवेदन का अधिकतम शुल्क 50 रुपये तय

भारत : उत्तराखंडः सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 11 महीने में 'चाय-पकौड़े' पर खर्च किए 68 लाख रुपये

क्रिकेट : RTI में हुआ खुलासा, बीसीसीआई पर 860 करोड़ रुपये का टैक्स 'बकाया'

राजनीति : RTI एक्टिविस्ट ने पूछा- कौन करता है पीएम के कपड़ों पर खर्च? PMO ने दिया ये जवाब

भारत : साल की 7 RTI, जिन्‍होंने PM मोदी की विदेश यात्राओं से लेकर मनमोहन तक की खोली पोल

भारत : सरकार की डिक्शनरी में 'मार्टर' या 'शहीद' जैसा कोई शब्द मौजूद नहीं, आरटीआई में खुलासा