भारत में जब किसी विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश करता है। इसके लिए वह सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर को इसकी लिखित में सूचना देता है। इसके बाद स्पीकर उसी दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहता है। अविश्वास प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है, जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। Read More
आंकड़ों के हिसाब से मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है। ये बात विपक्ष भी जानता है। इसके बाद भी विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया है इसका जवाब कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने दिया। ...
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नरेद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आयी है। हालांकि इससे मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है। बीजेपी के पास खुद से 301 सांसद हैं। अगर सहयोगियों को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 333 तक पहुंच जाता है। ...
एक विपक्षी सदस्य को जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह अहंकार का परिणाम था कि 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की सीटें एक समय में 400 से गिरकर लगभग 40 हो गईं। ...
कंजरवेटिव पार्टी के 359 सांसदों में से 148 ने उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया जिससे पार्टी में उनके नेतृत्व को गहरा झटका लगा है। जॉनसन को पद से हटाने के लिए उनके खिलाफ मतदान में कंजर्वेटिव पार्टी के कम से कम 180 सांसदों को उनके खिल ...