बसंत पंचमी का त्योहार माघ माल के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता सरस्वती की पूजा की परंपरा है। साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा कई जगहों पर की जाती है। ये बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। उत्तर भारत में इस दिन पीले वस्त्र पहने की भी परंपरा है। Read More
मूर्त या मानवीकृत बसंत कामदेव का परम सुहृदय और सहचर है। वह सृष्टि के उद्भेद का संकल्प है। फागुन–चैत, यानी आधा फरवरी, पूरा मार्च और आधा अप्रैल बसंत ऋतु के महीने कहे जाते हैं। बसंत या फागुन-चैत के साथ भारतीय नया वर्ष भी शुरू होता है। ...
Basant Panchami Katha: हिन्दू धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान, सुर, संगीत, कला,बुद्धि और वाणी की देवी माना जाता है। मान्यता है कि मां सरस्वती ने ही इस सृष्टि को वाणी प्रदान की थी। उनसे ही ज्ञान का प्रकाश सभी मनुष्यों को प्राप्त हुआ है। ...
Basant Panchami 2024 Puja Mantra: धार्मिक मान्यता है कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मां शारदा की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए बसंत पंचमी का यह पर्व ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। ...
बसंत पंचमी मां सरस्वती की आराधना के समय सस्वती चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। इसके पाठ से भक्तों के अंदर अज्ञानता का अंधकार दूर होता है और ज्ञान प्रकाश पुंज उनके अंदर समाहित होता है। ...
Basant Panchami 2024 Upay: धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां शारदा की उत्पत्ति हुई थी, यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन वीणा वादिनी की आराधना होती है। इस छात्रों को मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। ...