Wipro ने फ्रेशर्स को हटाया, कथित रूप से आंतरिक परीक्षण के बाद 800 कर्मचारियों को निकाला गया
By रुस्तम राणा | Published: January 20, 2023 06:17 PM2023-01-20T18:17:46+5:302023-01-20T18:29:29+5:30
भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों में से एक विप्रो ने आंतरिक परीक्षण के बाद अपने करीब 800 नए कर्मचारियों को कंपनी से बाहर कर दिया है।
नई दिल्ली: एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश की शीर्ष पांच आईटी कंपनियों में से एक, विप्रो ने एक आंतरिक परीक्षण के बाद खराब प्रदर्शन के कारण सैकड़ों नए कर्मचारियों (फ्रेशर्स) को नौकरी से निकाल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में कंपनी ने बिजनेस टुडे से कहा, विप्रो में हम खुद को उच्चतम मानकों पर रखने में गर्व महसूस करते हैं। हमारे द्वारा अपने लिए निर्धारित किए जाने वाले मानकों के अनुरूप, हम प्रत्येक प्रवेश स्तर के कर्मचारी से अपेक्षा करते हैं कि उनके कार्य के निर्धारित क्षेत्र में वे दक्ष हों।
मूल्यांकन प्रक्रिया में संगठन के व्यावसायिक उद्देश्यों और हमारे ग्राहकों की आवश्यकताओं के साथ कर्मचारियों को संरेखित करने के लिए आकलन शामिल हैं। कथित तौर पर आईटी कंपनी के इस कड़े फैसले से 800 फ्रेशर कर्मचारियों प्रभावित हुए हैं। उन्हें टेस्ट के बाद नौकरी से निकाल दिया गया लेकिन कंपनी का दावा है कि यह संख्या इससे कम है। विप्रो ने उन फ्रेशर्स की संख्या का खुलासा नहीं किया, जिन्हें टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद कंपनी छोड़ने के लिए कहा गया था।
बिजनेस टुडे ने कंपनी द्वारा बर्खास्त कर्मचारियों को भेजे गए टर्मिनेशन लेटर को एक्सेस किया। पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर खर्च किए गए 75,000 रुपये का भुगतान करने के लिए वे उत्तरदायी थे, लेकिन कंपनी ने इसे माफ कर दिया। टर्मिनेशन लेटर में कहा गया है, "हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि 75,000/- रुपये की प्रशिक्षण लागत, जो आप भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं, माफ कर दी जाएगी।"
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी से बाहर किए गए एक कर्मचारी ने बताया, “मुझे जनवरी 2022 में एक ऑफर लेटर मिला था, लेकिन महीनों की देरी के बाद उन्होंने मुझे नौकरी पर रख लिया और अब ये टेस्ट का बहाना बता कर मुझे नौकरी से निकाल रहे हैं?" बता दें कि कंपनी ने पिछले वर्ष की समान तिमाही में 2,969 करोड़ रुपये की तुलना में शुद्ध लाभ में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,052.90 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। आईटी प्रमुख ने निरंतर मुद्रा शर्तों (सीसी) में आईटी सेवाओं के राजस्व में 11.5-12.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।