इसलिए बैन होने से बच गया पबजी गेम, जानेंं क्या है इसका चाइनीज कनेक्शन
By रजनीश | Published: June 30, 2020 07:10 PM2020-06-30T19:10:20+5:302020-06-30T19:10:20+5:30
भारत-चीन सीमा विवाद के बाद देशभर में चाइनीज प्रॉडक्ट का बॉयकॉट करने की डिमांड के काफी पहले से ही पबजी गेम को बैन किए जाने की मांग की जाती रही है। उस समय पबजी को लोगों की इसकी लत के चलते बैन करने की मांग की जाती रही है।
भारत में 59 चाइनीज ऐप बैन कर दिए गए। इसमें टिकटॉक, हेलो, UC ब्राउजर, शेयरइट, कैमस्कैनर समेत कई मशहूर ऐप शामिल हैं। इन ऐप के भारत में करोडो़ं यूजर्स थे। बैन होने वाले ऐप की लिस्ट में पबजी गेम और जूम का नाम नहीं था फिर भी ये ऐप ट्रेंड कर रहे थे।
ट्विटर यूजर्स सवाल पूछ रहे थे कि जब इतने लोकप्रिय ऐप को बैन कर दिया गया तो फिर पबजी और जूम को क्यों छोड़ दिया गया। तो हम आपको बता रहे हैं इनको बैन न करने के पीछे की वजह क्या है..
पबजी
पबजी (PUBG- PlayerUnknown's Battlegrounds) भारत में काफी ज्यादा पसंद किया जाने वाला गेम है। इस गेम के इतने आदी लोग हैं कि एक बार बैठने पर कम से कम 4 से 5 घंटे तक लगातार गेम खेलते रहते हैं। लेकिन इसको बैन न किए जाने के पीछे की वजह यह है कि यह चाइनीज गेम नहीं है। इस गेम को दक्षिण कोरिया की विडियो गेम कंपनी ब्लू होल (Bluehole) की सब्सिडियरी कंपनी ने बनाया है। यह गेम साल 2000 में आई जापानी फिल्म बैटल रॉयल (Battle Royale) से प्रेरित है।
क्या है इस गेम का चाइनीज कनेक्शन
पबजी गेम का चीन कनेक्शन ऐसा है कि दुनिया की सबसे बड़ी गेम कंपनियों में से एक टेंसेंट गेम्स (Tencent Games) चीन की कंपनी है। टेंसेंट गेम्स ने पबजी को चीन में लॉन्च करने का ऑफर दिया और इसकी कुछ हिस्सेदारी भी खरीदी। इस तरह देखा जाए तो पबजी का मालिकाना मिक्स है।
जूम
बात करें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम (Zoom) की तो यह एक अमेरिकन कंपनी है। इसके फाउंडर इरिक यूअन (Eric Yuan) हैं। इनका जन्म तो चीन में हुआ लेकिन फिलहाल वह अमेरिकन नागरिक हैं।
बैन करने की वजह
सूचना व प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक, 'हमें कई सूत्रों और रिपोर्ट्स से मोबाइल ऐप के जरिए यूजर्स के डेटा की चोरी और भारत से बाहर स्थित सर्वर पर बिना अनुमति डेटा ट्रांसफर की जानकारी मिली थी।'
आईटी एक्ट की धारा 69-A के तहत केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि ये ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा थे, इसलिए मोबाइल और नॉन-मोबाइल इंटरनेट डिवाइस में इन्हें बैन किया गया है।