एलन मस्क बने ट्विटर के नए मालिक, पराग अग्रवाल की अगर होती है विदाई तो मिलेंगे 321 करोड़ रुपये
By विनीत कुमार | Published: April 26, 2022 09:07 AM2022-04-26T09:07:47+5:302022-04-26T10:12:45+5:30
ट्विटर को एलन मस्क ने खरीद लिया है। इसके बाद कंपनी के सीईओ पराग अग्रवार के भविष्य को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि पराग अग्रवाल की विदाई हो सकती है। हालांकि ये फैसला एलन मस्क के लिए आसान नहीं होगा।
नई दिल्ली: अरबपति एलन मस्क द्वारा ट्विटर की खरीद के बाद इस सोशल मीडिया कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल के भविष्य को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। कई रिपोर्ट्स के अनुसार एलन मस्क और पराग अग्रवाल एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। मस्क की डील के बाद क्या वाकई पराग अग्रवाल की विदाई होगी, इसे लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। हालांकि पराग अग्रवाल की अगर विदाई होती भी है तो ट्विटर को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
पराग अग्रवाल को निकाला तो चुकाने होंगे 4.2 करोड़ डॉलर
रिपोर्ट्स के अनुसार ट्विटर से अगर पराग अग्रवाल की विदाई होती है तो एलन मस्क को उन्हें 4.2 करोड़ डॉलर (करीब 321 करोड़ रुपये) चुकाने होंगे। रिसर्च फर्म Equilar के अनुसार पूर्व की शर्तों के मुताबिक अगर पराग अग्रवाल को कंपनी बिकने के 12 महीने के भीतर हटाया जाता है तो उन्हें 321 करोड़ रुपये मिलेंगे।
Equilar ने पराग अग्रवाल की एक साल की बेसिक सैलरी और उनके इक्विटी अवॉर्ड्स के एक्सीलेरेटेड वेस्टिंग के आधार पर ये अनुमान लगाया है। हालांकि Equilar के अनुमान पर ट्विटर के किसी प्रतिनिधि के कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। पराग अग्रवाल को पिछले साल नवंबर में ही ट्विटर का सीईओ बनाया गया था।
पराग अग्रवाल ने ट्विटर का भविष्य अंधकार में बताया
इस बीच ऐसी खबरें भी हैं कि एलन मस्क से डील फाइनल होने के बाद पराग अग्रवाल ने कहा है कि मस्क के नेतृत्व में ट्विटर का फ्यूचर अंधकार में है। रॉयटर्स के अनुसार उन्होंने ट्विटर के कर्मचारियों से ये बात कही। ऐसी खबरें भी है कि मस्क ट्विटर के कर्मचारियों से सवाल-जवाब सेशल के तहत बात करेंगे। कंपनी की ओर से इस बारे में जानकारी कर्मचारियों को दी गई है।
बता दें कि टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मस्क ने 14 अप्रैल को ट्विटर को खरीदने की पेशकश की थी। इसके बाद से अटकलें जारी थीं। मस्क ने ट्विटर की नीतियों को लेकर भी सवाल उठाए थे और कहा था कि वह ट्विटर को इसलिए खरीदना चाहते है, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच के रूप में अपनी क्षमता पर खरा उतर पा रहा है। ट्विटर ने कहा कि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी बन जाएगी।