TRAI का बड़ा फैसला, अब एक साल तक आउटगोइंग कॉल के लिए देने होंगे 6 पैसे प्रति मिनट की दर
By भाषा | Published: December 17, 2019 05:57 PM2019-12-17T17:57:39+5:302019-12-17T17:57:39+5:30
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने किसी आपरेटर के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर की जाने वाली मोबाइल कॉल पर छह पैसे प्रति मिनट के शुल्क को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। अब यह शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक जारी रहेगा।
ट्राई ने मंगलवार को कहा, ‘‘वायरलेस से वायरलेस घरेलू कॉल्स पर छह पैसे प्रति मिनट का टर्मिनेशन शुल्क 31 दिसंबर, 2020 तक जारी रहेगा।’’ पहले यह शुल्क 14 पैसे प्रति मिनट था। एक अक्टूबर, 2017 को इसे घटाकर छह पैसे प्रति मिनट किया गया था। एक जनवरी, 2020 से इस शुल्क को समाप्त किया जाना था। नियामक ने कहा कि अब वायरलेस से वायरलेस घरेलू कॉल्स पर छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क एक जनवरी, 2021 से समाप्त होगा।
16 साल तक रहें नियंत्रित
ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने एवीआईए इंडिया वीडियो-360 के कार्यक्रम में कहा कि दूरसंचार शुल्क पिछले 16 साल से कठिन परिस्थितियों में भी नियंत्रण में रहे हैं और यह बेहतर तरीके से काम करते रहे हैं। और अब नियामक उद्योग की न्यूनतम शुल्क तय करने की मांग पर गौर कर रहा है।
मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो की ओर से फ्री वॉयस कॉल और सस्ते डेटा की पेशकश से उद्योग में काफी अफरातफरी रही। उसके बाद अन्य कंपनियों को भी शुल्क दरें कम करनी पड़ीं।
ट्राई के चेयरमैन ने कहा, ने कहा, "दूरसंचार कंपनियों ने हाल में हमें एक साथ लिखा है कि हम उनका नियमन करें। यह पहली बार है। पूर्व में 2012 में मुझे याद है कि उन्होंने शुल्कों के नियमन के टूाई के प्रयास का कड़ा विरोध किया था। उनका कहना था कि शुल्क दरें उनके लिए छोड़ दी जानी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि नियामक तीन सिद्धान्तों उपभोक्ता संरक्षण, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और उद्योग की वृद्धि पर काम करता है। शर्मा ने कहा कि ट्राई ने पूर्व में दूरसंचार कंपनियों को दरें तय करने की अनुमति दी है और आपरेटरों द्वारा हस्तक्षेप के लिए कहे जाने पर ही दखल दिया है।