मोबाइल ऑपरेटर से हैं परेशान तो अब सिर्फ 48 घंटों में पोर्ट होगा आपका नंबर, ट्राई ने जारी किए नए नियम
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: December 19, 2018 04:22 PM2018-12-19T16:22:58+5:302018-12-19T16:22:58+5:30
टेलीकॉम रेगुलेटर ने सर्विस एरिया के भीतर नंबर बदलवाने से जुड़ी रिक्वेस्ट के लिए 48 घंटे (2 वर्किंग डे) का समय दिया गया है। वहीं, दूसरे सर्किल में पोर्ट करवाने में 96 घंटे (4 वर्किंग डे) का समय लगेगा। हाल ही में TRAI ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के नियमों में बदलाव करने की घोषणा की थी।
अगर आप अपनी मौजूदा टेलीकॉम कंपनी से परेशान हैं और अपना नंबर किसी दूसरे ऑपरेटर पर पोर्ट कराना चाहते हैं तो ट्राई ने आपकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए नए नियम लागू किए है। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई (TRAI) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के नियमों में बदलाव किया है। अब मोबाइल नंबर को पोर्ट कराने की प्रक्रिया और आसान हो गई है। यूजर के नंबर पोर्ट कराने के फैसले लेने के 48 घंटे के भीतर आपका नंबर पोर्ट हो जाएगा।
2 दिन में पोर्ट होगा मोबाइल नंबर
बता दें कि टेलीकॉम रेगुलेटर ने सर्विस एरिया के भीतर नंबर बदलवाने से जुड़ी रिक्वेस्ट के लिए 48 घंटे (2 वर्किंग डे) का समय दिया गया है। वहीं, दूसरे सर्किल में पोर्ट करवाने में 96 घंटे (4 वर्किंग डे) का समय लगेगा। हाल ही में TRAI ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के नियमों में बदलाव करने की घोषणा की थी। उम्मीद की जा रही है कि एमएनपी के इन नियमों में किए जाने बदलाव को अगले 6 महीनों में लागू कर दिया जाएगा। ट्राई ने कहा है कि अगर टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल नंबर पोर्ट कराने से जुड़ी रिक्वेस्ट को गलत तरीके से रिजेक्ट करती हैं तो उन पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
UPC की वैलिडिटी 15 दिनों से घटकर हुई 4 दिन
ट्राई ने कहा है, 'पोर्टिंग से जुड़ी रिक्वेस्ट (कॉरपोरेट कैटेगरी को छोड़कर बाकी सभी मामले) को पूरा करने में तेजी लाने की खातिर इंट्रा-लाइसेंस्ड सर्विस नंबर्स के लिए समय सीमा 2 कामकाजी दिन तय की गई है।' ट्राई ने कहा है कि एक सर्किल से दूसरे सर्किल वाली पोर्ट रिक्वेस्ट के लिए समय सीमा को घटाकर 4 दिन कर दिया गया है। पहले, इसकी समय सीमा 15 दिन थी। अब यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) की वैलिडिटी 15 दिनों से घटाकर 4 दिनों के लिए कर दी गई है। हालांकि, यह नियम जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट राज्यों के लिए नहीं लागू होता है। इन राज्यों के लिए UPC की वैधता 30 दिन है।
इसके अलावा मोबाइल नंबर पोर्ट करने के रिक्वेस्ट को वापस लेने के नियम को भी पहले से आसान बनाया गया है। यूजर एक टेक्स्ट मैसेज के जरिए पोर्टिंग रिक्वेस्ट को वापस ले सकते हैं। कॉर्पोरेट कनेक्शन की बात करें तो एक ऑथराइजेशन लेटर से 50 की जगह 100 रिक्वेस्ट वापस लिए जा सकते हैं।
मोबाइल नंबर पोर्ट कैसे करें?
यूजर को अपना नंबर पोर्ट कराने के लिए सबसे पहले UPC (यूनिक पोर्टिंग कोड) जेनरेट करना होगा। इसके लिए आपको अपने नंबर से PORT स्पेस और अपना नंबर डालकर 1900 पर SMS करना है। एसएमएस के जवाब में आपके नंबर पर एक कोड भेजा जाएगा। इस कोड की वैलिडिटी पहले 15 दिनों की थी जिसे घटाकर 4 दिन कर दी गई है। इस कोड के जनरेट होने के बाद ही दूसरी टेलीकॉम प्रोवाइडर के साथ पेपर वर्क करना होगा। इसके लिए ऑपरेटर का कस्टमर एप्लिकेशन फॉर्म (CAF) भरना होता है। इसमें आपका एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ और दूसरी जानकारी देनी होती है। पोस्टपेड कस्टमर को पुराना बिल नजदीकी ऑफिस में जमा करना पड़ता है।
दूसरे नेटवर्क में पोर्ट करने का चार्ज 4 रुपये है। पहले यह चार्ज 19 रुपये था। नए नेटवर्क में सिम एक्टिव होने से पहले पुराने सिम का नेटवर्क गायब हो जाएगा। इसके बाद नए सिम को फोन में लगाना होगा। कुछ घंटे के भीतर नए सिम में नेटवर्क आ जाता है।