मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी, अब सिर्फ 3 तीन में पोर्ट होगा नंबर, ट्राई ने जारी किया नियम
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: December 11, 2019 12:27 PM2019-12-11T12:27:17+5:302019-12-11T12:27:17+5:30
TRAI के नए नियम के मुताबिक अब सर्विस एरिया के अंदर अगर कोई पोर्ट कराने का रिक्वेस्ट करता है तो उसे 3 दिन (वर्किंग डे) में पूरा करना होगा। जबकि एक सर्किल से दूसरे सर्किल में पोर्ट के आग्रह को 5 वर्किंग डे में पूरा करना होगा।
टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथरेटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने संशोधित मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी प्रोसेस (mobile number portability process) के लिए मंगलवार (10 दिसंबर) को सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में जारी किए गए नए नियम 16 दिसंबर से लागू हो जाएंगे।
नए नियम से पोर्टिंग की प्रक्रिया तेज और आसान हो जाएगी। MNP के तहत कोई ग्राहक अपना मोबाइल नंबर बदले बिना ऑपरेटर को बदल सकता है। नया प्रोसेस यूनीक पोर्टिंग कोड (UPC) का क्रिएशन करने की शर्त के साथ लाई गई है।
3 दिन में करना होगा पूरा
नए नियम के मुताबिक अब सर्विस एरिया के अंदर अगर कोई पोर्ट कराने का रिक्वेस्ट करता है तो उसे 3 दिन (वर्किंग डे) में पूरा करना होगा। जबकि एक सर्किल से दूसरे सर्किल में पोर्ट के आग्रह को 5 वर्किंग डे में पूरा करना होगा।
ट्राई ने यह भी साफ किया है कॉरपोरेट मोबाइल कनेक्शनों की पोर्टिंग की समयसीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही नए प्रोसेस में UPC तभी होगा, जब यूजर मोबाइल नंबर पोर्ट करने का पात्र होगा।
संशोधित एमएनपी प्रोसेस 16 दिसंबर से लागू किया जाएगा। मोबाइल यूजर्स यूपीसी का क्रिएट कर सकेंगे और मोबाइल नंबर पोर्टिंग प्रोसेस का लाभ उठा सकेंगे।
TRAI के नए नियम में यह भी शामिल
नए नियम को तय करते हुए ट्राई ने कहा कि अलग-अलग शर्तों के पॉजिटिव अनुमोदन से ही यूपीसी का क्रिएट किया जा सकेगा। उदाहरण के तौर पर पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शनों के मामले में यूजर्स को अपने बकाया के बारे में अपने ऑपरेटर से प्रमाण लेना होगा।
इसके अलावा, मौजूदा ऑपरेटर के नेटवर्क पर उसे कम-से-कम 90 दिन तक सक्रिय रहना होगा। लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्रों में यूपीसी चार दिन के लिए वैध होगा। वहीं, जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर के सर्किलों में यह 30 दिन तक वैध रहेगा।