TikTok वीडियो ऐप से मद्रास हाईकोर्ट ने हटाया बैन, यूजर्स कर पाएंगे डाउनलोड
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 24, 2019 07:25 PM2019-04-24T19:25:39+5:302019-04-24T19:57:37+5:30
TikTok Video App Ban Case: मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने टिक टॉक वीडियो ऐप से बैन हटा लिया है। इस ऐप का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। ऐप पर अंतरिम बैन लगाया गया था। ऐप पर बैन लगने के कारण इसके लिए काम कर रहे लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ने की खबर आई थी।
TikTok Video App Ban Case: मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने टिक टॉक वीडियो ऐप से बैन हटा लिया है। इस ऐप का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। ऐप पर अंतरिम बैन लगाया गया था। ऐप पर बैन लगने के कारण इसके लिए काम कर रहे लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ने की खबर आई थी। बुधवार (24 अप्रैल) को मद्रास हाईकोर्ट ने ऐप से बैन हटा लिया, अब यूजर्स इस ऐप को डाउनलोड कर पाएंगे। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि बैन के कारण कंपनी को रोजाना साढ़े तीन करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था।
बता दें कि टिक टॉक के जरिये यूजर्स 15 सेकेंड के वीडियो बना सकते हैं। इनमें गाने-डांस और कॉमेडी के वीडियो शामिल हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऐसी बातें उठने लगी थी कि टिक टॉक के जरिये अश्लील सामग्री परोसने को बढ़ावा मिल रहा है।
Madurai bench of the Madras High Court lifts ban on TikTok video app. pic.twitter.com/1oFP4oYncs
— ANI (@ANI) April 24, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट को 24 अप्रैल तक टिक टॉक पर अंतरिम रोक के आदेश पर विचार करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर 24 अप्रैल तक मद्रास हाईकोर्ट इस पर विचार नहीं करता है तो ऐप लगा अंतरिम बैन हट जाएगा।
बता दें कि टिक टॉक ऐप पर तमिलनाडु के सूचना और प्रसारण मंत्री एम मणिकंदन ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु सरकार टिक टॉक ऐप को बैन करवाएगी। एम मणिकंदन की आपत्ति के करीब दो महीने बाद मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने ऐप पर बैन लगा दिया था।
ऐप के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस किरूबाकरण और जस्टिस एस एस सुंदर की बेंच ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह टिक टॉक की डाउललोडिंग रोके। कोर्ट ने मीडिया को भी निर्देश दिया था कि इस ऐप की सामग्री का प्रसारण न किया जाए।
बता दें कि टिक टॉक एक चाइनीज वीडियो ऐप है। भारत में इसके 10 करोड़ से ज्यादा यूजर बताए जाते हैं। इंडोनेशिया और बांग्लादेश में यह ऐप पहले ही बैन चल रहा है।
इस ऐप की डेवलपर बीजिंग बाइटडांस कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि बैन के कारण कंपनी को रोजाना 5 लाख डॉलर यानी करीब 3.5 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, जिसकी वजह से ढाई सौ से ज्यादा नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं।