2023 में भी 5G इटंरनेट की सेवाओं से महरूम रह जाएंगे ये लोग, देश के सभी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर उठाने जा रहे है ये अहम कदम
By आजाद खान | Published: December 26, 2022 03:20 PM2022-12-26T15:20:21+5:302022-12-26T15:46:58+5:30
दूरसंचार विभाग डॉट ने सभी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर जैसे भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन जैसे कंपनियों को चिट्ठी लिख कर इसे तुरन्त लागू करने की बात कही है।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
नई दिल्ली: भारत में जो लोग एयरपोर्ट के आसपास रहते है, उनके लिए एक बुरी खबर है। जी हां, आने वाले साल 2023 में एयरपोर्ट के आपपास रहने वाले 5जी का मजा नहीं ले सकते है। आपको बता दें कि इसी साल अक्टूबर में 5जी की सेवाएं शुरू की गई है जिसके तहत टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर तेजी से हर जगह 5जी की सेवाएं देने में लगे है।
लेकिन अभी भी इसे लेकर कुछ गंभीर चिंताएं है जिनका समाधान करना बहुत ही जरूरी है। ऐसे में यहां पर रहने वाले लोग अगले साल भी इस सेवा का लाभ नहीं उठा पाएंगे। गौरतलब है कि 5जी इंटरनेट सेवा काफी तेज इंटरनेट के लिए जानी जाएगी जो 4जी और 3जी के मुकाबले काफी स्पीड इंटरनेट देगी।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि दूरसंचार विभाग DoT ने हाल में ही सभी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को चिट्ठी लिखी है। ये चिट्ठी भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन कंपनियों को भेजी गई है। डॉट ने चिट्ठी में इन सभी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर बोला है कि वे भारतीय हवाईअड्डों की 2.1 किलोमीटर की सीमा के भीतर सी-बैंड 5जी बेस स्टेशन स्थापित न करें।
इसके पीछे डॉट ने यह कहा है कि अगर ऐसा किया गया तो इससे समस्या पैदा हो सकती है जिससे विमानों के आवाजाही पर भी असर पड़ेगा। गौर करने वाले बात यह है कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लाखों में है, ऐसे में डॉट के इस कदम से लाखों लोगों पर असर पड़ेगा।
क्या हो सकती है समस्या
दूरसंचार विभाग डॉट के अनुसार, सी-बैंड 5जी के कारण एयरपोर्ट पर लगे विमान का रेडियो (रडार) पर प्रभाव पड़ सकता है और इससे उड़ानों के आने जाने पर भी असर पड़ सकता है। दरअसल, विमान का रेडियो (रडार) अल्टीमीटर एक विमान के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान इसका खूब उपयोग होता है। यही नहीं यह पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त से भी बचाता है।
ऐसे में चिट्ठी में सभी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को यह कहा गया है कि वे लोग रनवे के दोनों तरफ से 2100 मीटर और भारतीय हवाईअड्डों के रनवे की मध्य रेखा से 910 मीटर के एरिया में 3300-3670 मेगाहर्ट्ज में कोई 5जी/आईएमटी बेस स्टेशन नहीं होगा। ऐसे में सभी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को इसे जल्द से जल्द लागू करने की बात कही जा रही है।