स्प्रिंग सीजन गूगल डूडल: गूगल ने आज बनाया ये खास डूडल, जानें इसके बारे में सबकुछ
By अनुराग आनंद | Published: March 19, 2020 08:19 AM2020-03-19T08:19:09+5:302020-03-19T08:23:44+5:30
गूगल यह डूडल वसंत के पहले दिन के मौके पर बनाता है। लेकिन आप जानते हैं इस दिन की एक और खासियत यह है कि आज दिन व रात दोनों बराबर समय के होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ है कि 12 घंटे का दिन होगा और 12 घंटे की ही रात होती है।
गूगल पर्व त्योहारों, राष्ट्रीय उत्सवों व अन्य मामले में खास तरह का डूडल बनाता रहा है। यही वजह है कि इस बार गूगल ने स्प्रिंग सीजन गूगल डूडल आज बनाया है। इस डूडल को देखकर लोग यह सोच रहे होंगे कि आखिर किस वजह से यह बनाया गया है। ऐसे में आइये जानते हैं कि स्प्रिंग सीजन गूगल डूडल क्या है और आज इसे क्यों बनाया गया है।
बता दें कि गूगल यह डूडल वसंत के पहले दिन के मौके पर बनाता है। लेकिन आप जानते हैं इस दिन की एक और खासियत यह है कि आज दिन व रात दोनों बराबर समय के होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ है कि 12 घंटे का दिन होगा और 12 घंटे की ही रात होती है। हम में से कई लोग यह सोचते हैं कि यह तो रोज की बात है, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, कुछ मीनट या घंटे का अंतर हर रोज होता ही है। यह सुर्योदय व सुर्यास्त के समय के आधार पर होता है।
जानें ऐसा होने के पीछे का वजह क्या है-
जानकारी के लिए आपको बता दें कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दिन सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। यही वजह है कि आज के बाद से दिन ज्यादा बड़े और गर्म होने लगते हैं। जैसा कि आप सबको पता है पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है। यह शुक्रवार 20 मार्च से शुरू होगा और 21 जून 2020 तक चलेगा।
इस दिन की एक और भी खासियत है-
यदि स्प्रिंग सीजन गूगल डूडल बनाने के पीछे की वजह को जानते हुए आज के दिन की खासियत पर आप पड़ताल करेंगे, तो इसके पीछे की एक और वजह आपको पता चलेगा। दरअसल, साल में एक बार ऐसा मौका आता है जब पृथ्वी सूर्य की तरफ झुकी रहती है, इसके अलावा एक बार पृथ्वी सूर्य से दूर झुकी रहती है। साल में दो बार ऐसे भी मौके आते हैं जब पृथ्वी का झुकाव किसी भी तरफ नहीं होता, अर्थात पृथ्वी सूर्य के प्रति एकदम सीधी रहती है। इस दिन को ही इक्विनॉक्स कहा जाता है और इस हिन्दी में विषुव कहा जाता है। इक्विनॉक्स मार्च महीने की 19, 20 या फिर 21 तारीख को होता है।
यही नहीं आज के दिन सूर्य पूरब दिशा में जहां से निकलती है औऱ शाम में पश्चिम दिशा में बिल्कुल उसके सामने की दिशा में अस्त होता है। साल में बाकी के दिन सूरज ठीक पूरब से नहीं निकलता है बल्कि थोड़ा तिरछा या कहें दूसरे दिशा में झुकाव के साथ निकलता है।