रेलयात्री से जुड़े 7 लाख लोगों का डाटा लीक, एटीएम कार्ड से जुड़ी जानकारी भी आई सामने
By रजनीश | Published: August 25, 2020 10:39 AM2020-08-25T10:39:28+5:302020-08-25T10:39:28+5:30
एक साइबर सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक रेलयात्री ने असुरक्षित सर्वर पर लोगों का डाटा रखा था जिसका फायदा उठाकर हैकर्स ने इस घटना को अंजाम दिया।
कोरोना महामारी के साथ ही एक और खतरनाक चीज साथ में आ गई थी वो है साइबर क्राइम। शुरुआत में कोरोना को रोकने वाले मास्क से शुरू हुआ साइबर फर्जीवाड़ा लोगों के खाते से पैसे चुराने तक पहुंच गया। इसके अलावा भी आए दिन हैकर्स फोरम पर लोगों की निजी जानकारियों के लीक होने की खबरें सामने आ रही हैं।
हालांकि इस तरह के क्राइम में उस संस्थान की भी कमी होती है जिसका डाटा लीक होता है। लोगों के डाटा को बेंचने का एक बड़ा व्यापार बन चुका है। अब रेलयात्री (RailYatri) के सर्वर में सेंध लगने की खबर है।
एक साइबर सिक्योरिटी फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक रेलयात्री ने असुरक्षित सर्वर पर लोगों का डाटा रखा था जिसका फायदा उठाकर हैकर्स ने इस घटना को अंजाम दिया। लीक हुए डाटा में टिकट बुक करने वालों की लोकेशन, यूपीआई आईडी, पेमेंट लॉगिन, बस बुकिंग, ई-मेल एड्रेस, नाम और कॉन्टेक्ट नंबर्स जैसी जानकारियां शामिल हैं।
सेफ्टी डिटेक्टिव नाम की सिक्योरिटी फर्म का कहना है कि रेलयात्री के सर्वर से 7 लाख से अधिक पैसेंजर्स का डाटा लीक हुआ है। इनमें लोगों के पेमेंट डिटेल से लेकर नाम और टिकट बुकिंग से जुड़ी कई जानकारी शामिल हैं। इसके जरिए पैसेंजर्स के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी भी लीक हुई है।
इस लीक के बारे में फर्म ने 10 अगस्त को ही जानकारी दी थी। सिक्योरिटी फर्म का कहना है कि रेलयात्री ने अनएंक्रिप्टेड और बिना पासवर्ड वाले सर्वर पर यूजर्स का डाटा रखा था।
लीक डाटा में अधिकतर डाटा भारतीय लोगों की है, हालांकि इस रिपोर्ट पर रेलयात्री की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन सर्वर को फिलहाल बंद कर दिया गया है।
बीते 12 अगस्त को सर्वर पर Meow बॉट ने भी अटैक किया था। इसने पूरे सर्वर डाटा को डिलीट कर दिया था। आपको बता दें कि Meow बॉट एक नए टाइप का साइबर अटैक है जो कई अनसिक्योर सर्वर को डिलीट कर देता है।