Tik Tok, UC Browser समेत 59 Chinese Apps पर हमेशा के लिए पाबंदी लगाने की तैयारी में Modi सरकार!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 26, 2021 06:09 PM2021-01-26T18:09:05+5:302021-01-26T18:09:24+5:30
मोदी सरकार ने पिछले साल जून में 59 चाइनीज ऐप्स पर रोक लगाई थी. सरकार ने जिन कंपनियों पर रोक लगाई उनमें टिकटॉक, हेलो ऐप, वीचैट, अलीबाबा की यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज, शीन, क्लब फैक्ट्री, लाइक, बिगो लाइव, क्लैश ऑफ किंग्स और कैम स्कैनर जैसे app शामिल है.
भारत सरकार देश में बैन चाइनीज ऐप्स पर Permanent Ban लगाने की तैयारी में है. चीन के साथ सीमा विवाद के कारण करीब सात महीने पहले भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. अब सरकार ने इन ऐप्स को लेकर दोबारा नोटिस जारी किया है ताकि इन पर Permanent Ban लगाया जा सके. चीन के साथ सीमा विवाद के कारण करीब सात महीने पहले भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स को कारण बताओ नोटिस भेजा था.
अब सरकार ने इन ऐप्स को नया नोटिस भेजा है ताकि इन पर हमेशा के लिए पाबंदी लगाई जा सके. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने पिछले हफ्ते जारी एक बयान में कहा था कि पहले नोटिस पर कंपनियों की तरफ से जो जवाब आया है वह पर्याप्त नहीं है. लिहाजा सरकार अब उनपर हमेशा के लिए पाबंदी लगाने की तैयारी में है.
सरकार ने पिछले साल जून में 59 चाइनीज ऐप्स पर रोक लगाई थी. सरकार ने जिन कंपनियों पर रोक लगाई उनमें टिकटॉक, हेलो ऐप, वीचैट, अलीबाबा की यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज, शीन, क्लब फैक्ट्री, लाइक, बिगो लाइव, क्लैश ऑफ किंग्स और कैम स्कैनर जैसे app शामिल है. वही सीमा विवाद के बाद भारत सरकार चीन पर डिजिटल स्ट्राइक के मोड में नजर आई.
भारत की तरफ से 59 ऐप्स बैन किए जाने के बाद और 47 ऐप्स को बैन किया गया था. ये ऐप्स प्रतिबंधित 59 ऐप्स के क्लोन के तौर पर काम कर रहे थे. सितंबर 2020 में भारत ने बहुचर्चित गेमिंग ऐप पबजी पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार के बैन लगाने के बाद अलीबाबा की UC ब्राउजर ने भारत में अपना कामकाज बंद कर दिया है. सरकार ने इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के सेक्शन 69A के तहत इन ऐप्स पर पाबंदी लगाई थी.
जानकारी के लिए बता दें कि लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद शुरू हुए तनाव के बीच मोदी सरकार ने चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था. इसके बाद दोनों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर की कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन सीमा विवाद का कोई हल अब तक नहीं निकल पाया है.