पेटीएम की याचिका पर अदलत ने सरकार और ट्राई से मांगा जवाब, नेटवर्क प्रदाता कंपनियां धोखाधड़ी पर नहीं लगा रही हैं रोक

By भाषा | Published: June 2, 2020 04:30 PM2020-06-02T16:30:30+5:302020-06-02T16:30:30+5:30

पेटीएम चलाने वाली वन97 कम्युनिकेशंस लि. की याचिका में दावा किया गया है कि उसके लाखों ग्राहकों के साथ धोखाधाड़ी वाली गतिविधियों के जरिये जालसाजी की गयी और दूरसंचार कंपनियां इस तरह की चीजों पर अंकुश लगाने में नाकाम हैं। 

Paytm claims telecom firms not preventing phishing; HC seeks Centre, TRAI response | पेटीएम की याचिका पर अदलत ने सरकार और ट्राई से मांगा जवाब, नेटवर्क प्रदाता कंपनियां धोखाधड़ी पर नहीं लगा रही हैं रोक

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsपेटीएम का कहना है कि ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी होने के कारण कंपनी को न केवल वित्तीय नुकसान हो रहा है बल्कि साख को भी बट्टा लग रहा है।कंपनी ने नुकसान की भरपाई के एवज में उनसे 100 करोड़ रुपये की मांग की है। फिशिंग यानी धोखाधड़ी एक साइबर अपराध है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पेटीएम की याचिका पर केंद्र, ट्राई और दूरसंचार कंपनियों को नोटिस दिया। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि मोबाइल कंपनियां अपने नेटवर्क पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी (फिशिंग) से जुड़ी गतिविधियों को नहीं रोक रही हैं। 

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जालान ने संचार मंत्रालय, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और एयरटेल, रिलायंस जियो, एमटीएनएल, बीएसएनएल और वोडाफोन समेत मोबाइल सेवा प्रदाताओं को नोाटिस जारी कर याचिका पर अगली सुनवाई से पहले अपना रुख बताने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी। 

अतिरिक्त सोलिसीटर जनरल मनिन्दर आचार्य और केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता अनुराग अहलूवालिया ने मंत्रालय की तरफ से नोटिस स्वीकार किया। 

पेटीएम चलाने वाली वन97 कम्युनिकेशंस लि. की याचिका पर यह आदेश आया। याचिका में दावा किया गया है कि उसके लाखों ग्राहकों के साथ धोखाधाड़ी वाली गतिविधियों के जरिये जालसाजी की गयी और दूरसंचार कंपनियां इस तरह की चीजों पर अंकुश लगाने में नाकाम हैं। 

याचिका में कहा गया है कि इसके कारण कंपनी को न केवल वित्तीय नुकसान हो रहा है बल्कि साख को भी बट्टा लग रहा है। कंपनी ने नुकसान की भरपाई के एवज में उनसे 100 करोड़ रुपये की मांग की है। फिशिंग यानी धोखाधड़ी एक साइबर अपराध है। इसमें लोगों से ई-मेल, फोन कॉल या एसएमएस के जरिय संपर्क किया जाता है। 

इसमें धोखाधड़ी में शामिल व्यक्ति स्वयं को संगठन का प्रतिनिधि बताकर लोगों से बैंक और क्रेडिट कार्ड और पासवर्ड जैसे संवेदनशील सूचनाएं हासिल करता है और गड़बड़ी करता है। 

याचिका में कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियां दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक अधिमालन्याता नियमन (टीसीसीसीपीआर), 2018 के तहत तय दायित्वों का उल्लंघन कर रही हैं। ट्राई ने धोखाधड़ी वाले फोन कॉल या गतिविधियों की समस्या के समाधान के लिये यह नियम बनाया है।

Web Title: Paytm claims telecom firms not preventing phishing; HC seeks Centre, TRAI response

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