कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन चल रहा है। एक बार फिर लॉकडाउन की समय सीमा को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है। फैक्ट्रियां, ऑफिस, स्कूल सब बंद हैं। इस बीच कई स्कूल, कोचिंग और अन्य ऑफिस कार्यों से जुड़े संस्थान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक दूसरे से जुड़ रहे हैं। इस बीच जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप की डाउनलोडिंग में काफी ज्यादा वृद्धि देखने को मिली।
जबरदस्त डाउनलोड किया जाने वाला जूम एप प्राइवेसी को लेकर विवादों में आ गया। गूगल और टेस्ला जैसी कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जूम एप इस्तेमाल करने से मना कर दिया। अब इसी बीच खबर है कि जूम एप के पांच लाख अकाउंट हैक हो गए हैं और इससे जुड़े डाटा को डार्क वेब पर बेचा जा रहा है।
ब्लीपिंग कंप्यूटर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जूम के पांच लाख अकाउंट को हैक कर लिया गया है और डार्क वेब पर मामूली कीमत में लोगों का निजी डाटा बेचा जा रहा है। जूम एप यूजर्स का डाटा हैकर्स फोरम पर बिक रहा है।
इस घटना की जानकारी सबसे पहले 1 अप्रैल को साइबर सिक्योरिटी फर्म Cyble ने जानकारी दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक डार्क वेब पर जूम एप यूजर्स का डाटा मामूली कीमत करीब 0.15 प्रति अकाउंट बिक रहा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह हैकिंग पासवर्ड और आईडी के जरिए हुई है यानी कि हैकर्स को इसके बारे में पहले से जानकारी थी। जूम एप यूजर्स का जो डाटा हैकर्स तक पहुंचा है उनमें ई-मेल आईडी, पासवर्ड, मीटिंग का यूआरएल और होस्ट की जैसी जानकारियां शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन यूजर्स का डाटा लीक हुआ है उनमें यह यूनिवर्सिटी ऑफ वर्मोंट, डार्टमाउथ, लाफयेते, फ्लोरिडा विश्वविद्यालय, कोलोराडो विश्वविद्यालय और सिटीबैंक जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।