एंड्रॉयड ऐप्स बिना परमिशन के कर रहे हैं आपको ट्रैक, स्मार्टफोन की हर ऐक्टिविटी पर रखते हैं नजर
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: February 15, 2019 11:44 AM2019-02-15T11:44:11+5:302019-02-15T11:45:03+5:30
गूगल प्ले स्टोर में मौजूद ज्यादातर ऐप्स Google के डेटा कलेक्शन पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे हैं। ये ऐप्स यूजर्स की ऐक्टिविटी के आधार पर विज्ञापन दिखा सके और उन्हें टारगेट कर सकें। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे ऐप्स यूजर्स के एडवरटाइजिंग आईडी की मदद से उनके एक्टिविटी और डिवाइस को ट्रैक करते हैं।
कैलिफोर्नियो के इंटरनेशनल कंप्यूटर साइंस इंस्टीट्यूट के एक नए रिसर्च में सामने आया है कि 17,000 हजार एंड्रॉयड ऐप्स यूजर्स के बिना परमिशन के उनके डिवाइस को ट्रैक कर रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, रिसर्च में यह भी पता चला है कि यह ऐप्स यूजर्स के लॉन्ग टाइम बिहेवियर को भी ट्रैक कर रहे हैं। साथ ही ये Android Apps यूजर्स के छोटे-बड़े सभी एक्टिविटी को हमेशा के लिए रिकॉर्ड भी करते हैं। इस तरह के ऐप्स यूजर्स के बिना परमिशन के ऐसा करते हैं जो काफी चिंताजनक है।
CNet की रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल प्ले स्टोर में मौजूद ज्यादातर ऐप्स Google के डेटा कलेक्शन पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे हैं। ये ऐप्स यूजर्स की ऐक्टिविटी के आधार पर विज्ञापन दिखा सके और उन्हें टारगेट कर सकें। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे ऐप्स यूजर्स के एडवरटाइजिंग आईडी की मदद से उनके एक्टिविटी और डिवाइस को ट्रैक करते हैं, साथ ही यूजर्स की जानकारियों को जुटाते हैं। एडवरटाइजिंग आईडी एक यूनिक नंबर होता है जिससे यह निश्चित किया जाता है कि यूजर्स को कैसे और किस तरह के विज्ञापन दिखाएं जाएंगे।
बता दें कि गूगल इस आईडी की मदद से ऐप डेवलपर्स के ऐप्स पर विज्ञापन दिखाता है। यह आईडी डेवलपर्स की मदद करती है जिससे यूजर्स को पर्सनलाइज एक्सपीरियंस मिल सके। किए गए रिसर्च में यह पाया गया है कि इस आईडी का गलत इस्तेमाल किया जाता है। रिसर्च में कहा गया है, 'इन ऐप्स में से एक तिहाई से कम एडवरटाइजिंग आईडी लेती हैं।' मतलब बाकी सभी ऐप्स अलग तरह के यूनीक आइडेंटीफाइंग इनफॉर्मेशन इस्तेमाल करते हैं, जो यूजर्स की ऐक्टिविटीज को ट्रैक कर सकते हैं।
इस रिसर्ज से जुड़े ब्लॉग पोस्ट में रिसर्चर सर्ज ईगलमैन बताते है कि किस तरह के ऐप्स विज्ञापन दिखाने के लिए जानकारी भेजते हैं। इन ऐप्स में एंग्री बर्ड्स, ऑडियोबुक्स बाय ऑडिबल और फ्लिपबोर्ड जैसे बड़े ऐप्स भी शामिल हैं। वहीं, क्लीन मास्टर और बैटरी डॉक्टर भी इनमें शामिल हैं। स्टोरी में कहा गया है कि गूगल ने इस पर कड़े कदम उठाने की बात कही है।