दूरसंचार कंपनियों ने प्रीपेड रिचार्ज पैटर्न पर डेटा जमा करने के लिए TRAI से मांगा 20 अप्रैल तक का समय
By सुमित राय | Published: April 16, 2020 09:19 PM2020-04-16T21:19:45+5:302020-04-16T21:34:51+5:30
दूरसंचार कंपनियों ने प्रीपेड रिचार्ज पैटर्न पर डेटा जमा करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय मांगा है।
जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया सहित शीर्ष दूरसंचार कंपनियों ने प्रीपेड रिचार्ज पैटर्न पर दूरसंचार नियामक ट्राई से संपर्क किया है। दूरसंचार कंपनियों ने प्रीपेड रिचार्ज पैटर्न पर डेटा जमा करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय मांगा है। प्रीपेड रिचार्ज पैटर्न के मिलने के बाद ट्राई लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाए जाने की स्थिति में प्रीपेड ग्राहकों को दिए जाने वाले लाभ पर अंतिम निर्णय करेगी।
इससे पहले ट्राई ने सभी दूरसंचार कंपनियों से प्रीपेड उपयोक्ताओं के मोबाइल रिचार्ज कराने की प्रवृत्ति और तौर तरीकों की जानकारियां मांगी थी। भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया समेत अन्य सभी कंपनियों से 24 घंटे के भीतर लॉकडाउन की अवधि के दौरान का आंकड़ा देने के लिए कहा गया था। सूत्रों के अनुसार सरकारी कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल को भी भी यह आंकड़े देने के लिए कहा गया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन को 19 दिन बढ़ा दिया। इससे पहले लगाई गई 21 दिन की पाबंदी 14 अप्रैल को समाप्त हो गई। इस दौरान दूरसंचार कंपनियों ने जरूरतमंद प्रीपेड ग्राहकों को वैधता अवधि बढ़ाने और अतिरिक्त टॉकटाइम देने जैसे लाभ दिए थे।
सूत्रों ने बताया कि ट्राई ने कंपनियों से यह लाभ उठाने वाले ग्राहकों की संख्या से जुड़ी जानकारी भी मांगी है। साथ ही उनके बारे में भी बताने को कहा गया है जो सार्वजनिक बंद के दौरान रिचार्ज नहीं करा सके।
वोडाफोन-आइडिया ने कम आय वाले प्रीपेड ग्राहकों को पहले 17 अप्रैल तक वैधता बढ़ाने और 10 रुपये का टॉकटाइम देने की घोषणा की थी। भारती एयरटेल ने भी अपने आठ करोड़ जरूरतमंद प्रीपेड ग्राहकों को 17 अप्रैल तक वैधता बरकरार रखने और 10 रुपये का टॉकटाइम देने की घोषणा की थी।
रिलायंस जियो ने अपने जियो फोन के ग्राहकों को 100 मिनट मुफ्त टॉकटाइम और 100 मुफ्त एसएमएस दिए थे। साथ ही उनकी वैधता 17 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। हालांकि दूरसंचार उद्योग ने ट्राई के सभी प्रीपेड ग्राहकों की वैधता बढ़ाने और 10 रुपये का टॉकटाइम देने के सुझाव को खारिज कर दिया था।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) का कहना है कि सार्वजनिक रोक के दौरान कम आय वाले लोगों को आपस में जोड़े रखने के लिए दूरसंचार कंपनियां 600 करोड़ रुपये का लाभ दे चुकी हैं। सभी प्रीपेड ग्राहकों को इस तरह का लाभ देना कंपनियों के वश की बात नहीं है। इसके लिए सरकार चाहे तो सब्सिडी दे सकती है।
(भाषा से इनपुट)