सरकार ने बनाया प्लान, जल्द मिल सकता है सस्ता इंटरनेट

By रजनीश | Published: June 24, 2020 12:00 PM2020-06-24T12:00:22+5:302020-06-24T12:56:21+5:30

घरेलू ब्राडबैंड के लिए लोगों की रुचि बढ़ाने और कम कीमत में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने के लिए लाइसेंस शुल्क में कटौती की बात की ज रही है।

India Considers License Fee Cut For Household Broadband Service | सरकार ने बनाया प्लान, जल्द मिल सकता है सस्ता इंटरनेट

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsटेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक देश में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या 1.98 करोड़ से अधिक है।फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए अनुमानित लाइसेंस शुल्क (एजीआर) वर्तमान में एक साल में लगभग 880 करोड़ है।

भारत सरकार के एक फैसले से आपके महंगे इंटरनेट की शिकायत जल्द ही दूर हो सकती है। सरकार जल्द ही फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए लगने वाले लाइसेंस शुल्क में कटौती करने पर विचार कर रही है। इस फैसले के बाद ब्रॉडबैंड इंटरनेट सस्ता हो जाएगा।
 
इस फैसले के बाद घरेलू ब्रॉडबैंड कंपनियों को लाइसेंस शुल्क नहीं देना होगा। इससे कंपनियां सस्ता इंटरनेट देंगी और अपनी सेवाओं का विस्तार भी करेंगी। 

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक देश में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या 1.98 करोड़ से अधिक है। साल 2019 की एक रिपोर्ट में इसकी संख्या बढ़ाने की बात भी कही गई थी।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक नए प्रस्ताव में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड कंपनियों घरेलू ब्रॉडबैंड कंपनियों से होने वाली कमाई पर लाइसेंस शुल्क को घटाकर 1 रुपये सालाना कर दिया जाए। 

फिलहाल फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए अनुमानित लाइसेंस शुल्क (एजीआर) वर्तमान में एक साल में लगभग 880 करोड़ है।

संबंधित मंत्रालय ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजने से पहले इस प्रस्ताव पर विचार मांगे हैं। यदि इस प्लान को लागू किया जाता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को मिलेगा।  शुल्क में कटौती के बाद जियो फाइबर को देश के अन्य इलाकों में अपनी सेवाओं का तेजी से विस्तार करने में मदद मिलेगी।

जियो अपने लाइफ टाइम सब्सक्राइबर्स को एचडी टीवी औऱ सेट टॉप बॉक्स मुफ्त देती है। मात्र एक साल में जियो फाइबर के ग्राहकों की संख्या 8.4 लाख हो गई है। 

पिछले महीने जारी ट्राई की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएल के ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या 82.3 लाख, और एयरटेल की 24.3 लाख है।

कहा यह भी जा रहा है कि कॉमर्शियल यूजर्स और बड़े कॉर्पोरेशन को दी जाने वाली सेवाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। अनुमान है कि इस फैसले के बाद सरकार को 5 सालों में 592.7 करोड़ का नुकसान होगा।

Web Title: India Considers License Fee Cut For Household Broadband Service

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