शुरुआती स्तर पर ही कोरोना संक्रमण के बारे में बता देगा ये बैंड, प्रभावी तरीके से हो सकेगा इलाज

By भाषा | Published: July 26, 2020 09:35 AM2020-07-26T09:35:19+5:302020-07-26T09:35:19+5:30

कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई देश वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस इलाज नहीं मिल पाया है। इसके अलावा टेक्नॉलॉजी के जरिए भी इससे बचाव के लिए नए एप और गैजेट बनाए जा रहे हैं।

IIT Madras startup generates 22 crore funding for launching wrist band for detecting COVID Coronavirus symptoms | शुरुआती स्तर पर ही कोरोना संक्रमण के बारे में बता देगा ये बैंड, प्रभावी तरीके से हो सकेगा इलाज

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsहाथ के ट्रैकर में शरीर के तापमान को मापने, हृदय गति तथा एसपीओ2 (ब्लड ऑक्सीजन सघनता) को मापने के लिए सेंसर लगे हैं।यह ट्रैकर ब्लूटूथ से चलेगा और इसे म्यूज हेल्थ ऐप के जरिए मोबाइल फोन से जोड़ा जा सकता है।

आईआईटी मद्रास ने कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए हाथ में पहनने वाला एक ऐसा बैंड बनाया है जो एकदम शुरुआती स्तर पर ही किसी इंसान को संक्रमण के बारे में बता सकता है। यह बैंड अगले माह तक बाजार में आ सकता है।

आईआईआईटी मद्रास में स्टार्ट अप ‘‘म्यूज वियरेबेल्स’’ की शुरुआत पूर्व छात्रों के एक समूह ने एनआईटी वारंगल के पूर्व छात्रों के साथ मिल कर की है। इन ट्रैकर्स को 70 देशों में लांच करने की योजना है। हाथ के ट्रैकर में शरीर के तापमान को मापने, हृदय गति तथा एसपीओ2 (ब्लड ऑक्सीजन सघनता) को मापने के लिए सेंसर लगे है, जो लगातार इन पर नजर रख कर संक्रमण के शुरुआती स्तर में ही पता लगाने में मदद कर सकता है।

यह ट्रैकर ब्लूटूथ से चलेगा और इसे म्यूज हेल्थ ऐप के जरिए मोबाइल फोन से जोड़ा जा सकता है। उपयोगकर्ता के शरीर से जुड़ी तथा अन्य गतिविधियों की जानकारी फोन तथा दूरस्थ सर्वर में इकट्ठा हो जाएगी। उपयोगकर्ता यदि किसी निरुद्ध क्षेत्र में जाता है तो आरोग्य सेतु ऐप के जरिए उसे संदेश मिल जाएगा।

आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र केएलएनसाई प्रशांत ने बताया, ‘‘ हमारा इस वर्ष दो लाख उत्पाद की ब्रिकी का लक्ष्य है और 2020 तक पूरी दुनिया में 10 लाख ट्रैकर बेचने की योजना है। निवेशकों को हमारे नवोन्मेष पर भरोसा है और उन्हें लगता है कि हम उपभोक्ता तकनीक जगत में भारी बदलाव ला सकते हैं। हम 22 करोड़ रुपए इकट्टा करने में सफल हो गए हैं।’’

इस ट्रैकर की कीमत 3500 रुपए है और यह 70 देशों में अगस्त तक आ जाएगा। एनआईटी वारंगल से स्नातक के. प्रत्यूषा ने कहा,‘‘ हमारा मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों की पहचान में मदद करना है जिन्हें कोविड निमोनिया पहले हो सकता है ताकि उनका और प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सके।’’

Web Title: IIT Madras startup generates 22 crore funding for launching wrist band for detecting COVID Coronavirus symptoms

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