100 करोड़ लोगों के स्मार्टफोन डाटा पर हैकर्स की नजर, पुराने एंड्रॉयड ओएस डिवाइस को सबसे अधिक खतरा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 10, 2020 08:38 AM2020-03-10T08:38:37+5:302020-03-10T08:38:37+5:30
40% मोबाइल में पुराना ओएस गूगल अब केवल एंड्रॉयड 10, 9 पाई और 8 ऑरियो के लिए ही सिक्यॉरिटी पैच रोलआउट करता है. ऐसे में एंड्रॉयड 7 या उससे पुराने वर्जन वाले स्मार्टफोन्स यूज कर रहे यूजर्स के पर्सनल डाटा के चोरी होने का खतरा कई गुना बढ़ गया है.
नई दिल्ली: उपभोक्ताओं के डाटा पर एक बार फिर गंभीर संकट खड़ा हो गया है. पुराने एंड्रॉयड वर्जन पर काम कर रहे 100 करोड़ स्मार्टफोन खतरे में हैं. एक साइबर सिक्यॉरिटी फर्म के मुताबिक इन स्मार्टफोन्स को अब गूगल अपडेट नहीं देता. अपडेट न मिलने के कारण पुराने एंड्रॉयड ओएस पर काम करने वाले डिवाइस हैकर्स के लिए सबसे आसान टागरेट हैं.
40% मोबाइल में पुराना ओएस गूगल अब केवल एंड्रॉयड 10, 9 पाई और 8 ऑरियो के लिए ही सिक्यॉरिटी पैच रोलआउट करता है. ऐसे में एंड्रॉयड 7 या उससे पुराने वर्जन वाले स्मार्टफोन्स यूज कर रहे यूजर्स के पर्सनल डाटा के चोरी होने का खतरा कई गुना बढ़ गया है. पिछले साल गूगल ने एक डाटा जारी किया था. इसमें कहा गया था कि दुनियाभर में मौजूद एंड्रॉयड डिवाइस में से 40% अभी भी एंड्रॉयड 6 या उससे पुराने वर्जन वाले हैं.
मिलनी चाहिए सही जानकारी रिपोर्ट को सही साबित करने के लिए सुरक्षा फर्म ने पुराने एंड्रॉयड ओएस वाले कई डिवाइस को खरीदा और उसमें वायरस डाल दिया. सिक्यॉरिटी अपडेट न मिलने के कारण इन सभी मोबाइल में बड़ी आसानी से वायरस पहुंच गया.
जानकारों के अनुसार डाटा सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी है स्मार्टफोन कंपनियां उपभोक्ताओं के मोबाइल को मिलने वाले सभी अपडेट्स के बारे में जानकारी दें. बंद हो जाता है अपडेट साइबर सिक्यॉरिटी फर्म के अनुसार एंड्रॉयड मोबाइल के लिए भी विंडोज और आईओएस की तरह लंबे वक्त तक सिक्यॉरिटी अपडेट आने चाहिए.