दिमाग पढ़ने वाली चिप करेगी अल्जाइमर के इलाज में मदद, एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक कर रही चिप पर काम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 30, 2020 07:58 AM2020-08-30T07:58:02+5:302020-08-30T07:58:02+5:30
यह चिप रिमूवेबल पॉड से जुड़ी होंगी, जिन्हें कान के पीछे लगाया जाएगा और यह वायरलेस कनेक्टिविटी के मध्यम से दूसरे डिवाइस से कनेक्ट होंगी.
सैन फ्रांसिसको। ऐंसी एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक पिछले कई सालों से इंसानी दिमाग पढ़ने वाली चिप पर काम कर रही है और अब कंपनी ने सूअर के दिमाग में इस चिप को लगाकर प्रयोग किया है. इस चिप का सबसे ज्यादा फायदा अल्जाइमर के रोगियों को होगा. साथ ही मेमोरी लॉस, सुनने की क्षमता खोना, अवसाद और अनिद्रा जैसी समस्याओं को हल कर सकती है. न्यूरालिंक ने सिक्के की साइज की चिप का प्रदर्शन सूअर की दिमाग में लगाकर किया है. सूअर की दिमाग में यह चिप पूरे दो महीने रहा है.
न्यूरालिंक का मकसद इंसानी दिमाग को बिना किसी वायर से पढ़ना है. कुछ वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह प्रयोग न्यूरोलॉजिकल स्थितियों को ठीक करने में मदद कर सकता है और पैरालिसिस वाले लोगों को कंप्यूटर माउस को नियंत्रित करने में मदद प्रदान कर सकता है.
एलन मस्क ने वेबकास्ट में कहा कि प्रयोग के दौरान तीन सूअरों को लाया गया था जिनमें से एक सूअर ने काफी मदद की जिसका नाम गैटर्ड है. प्रयोग के दौरान सूअर को खाना दिया गया और उस दौरान उसकी दिमागी हालत को पहली बार लाइव देखा गया.
कंपनी द्वारा दिखाए प्रजेंटेशन के मुताबिक कंपनी ने इस चिप का प्रयोग 19 अलग-अलग जानवरों पर किया है जिनकी सफलता की दर 87 फीसदी रही है. इस चिप की साइज करीब आठ मिलीमीटर है. बता दें कि एलन मस्क की इस कंपनी न्यूरालिंक की स्थापना साल 2016 में हुई थी. एलन मस्क को दुनिया का चौथे सबसे अमीर शख्स के रूप में जाना जाता है. अरबपति उद्यमी मस्क की अन्य कंपनियों में टेस्ला और स्पेसएक्स शामिल हैं.
हेडफोन को पूरी तरह से खत्म कर देगी :
इसी साल जुलाई में न्यूरालिंक ने कहा था कि वह एक खास ब्रेन चिप पर काम कर रही है, जो आने वाले समय में हेडफोन को पूरी तरह से खत्म कर देगी. इस चिप को इंसान के दिमाग में इम्प्लांट किया जाएगा. वहीं, मस्क ने कंप्यूटर वैज्ञानिक ऑस्टिन हॉवर्ड से ट्विटर पर बात करते हुए कहा था कि चिप के जरिए यूजर्स के दिमाग तक संगीत पहुंचेगा. लोग संगीत सुनने के साथ म्यूजिक स्ट्रीम कर सकेंगे और साथ ही चिप से यूजर्स डिप्रेशन जैसी बीमारियों से भी छुटकारा पा सकेंगे.
ऐसे करेगी काम :
न्यूरालिंक तकनीक को इंसान के दिमाग से चिप और इलेक्ट्रोड थ्रेड के जरिए कनेक्ट किया जाएगा. यह चिप रिमूवेबल पॉड से जुड़ी होंगी, जिन्हें कान के पीछे लगाया जाएगा और यह वायरलेस कनेक्टिविटी के मध्यम से दूसरे डिवाइस से कनेक्ट होंगी. इसके जरिए यूजर्स को दिमाग की सही जानकारी सीधा उनके स्मार्टफोन पर मिलेगी.