भारत में तेजी से बढ़ रही डिजिटल अर्थव्यवस्था के बीच इस बाजार की गड़बड़ियों को तुरंत ठीक करने की जरूरत: सीसीआई
By विनीत कुमार | Published: September 18, 2022 10:17 AM2022-09-18T10:17:38+5:302022-09-18T10:25:28+5:30
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता देश में डिजिटल बाजार की गड़बड़ियों को तत्काल ठीक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियामक ढांचे की आवश्यकता है, जिसमें मौजूदा चुनौतियों से निपटने के रास्ते हों।
मुंबई: भारत पिछले कुछ वर्षों में सबसे बड़ी और सबसे तेज डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक बनकर उभर रहा है। ऐसे में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता ने कहा है कि तेजी से बदल रही स्थितियों के बीच देश में डिजिटल बाजार में गड़बड़ियों को तुरंत ठीक करने की जरूरत है।
अशोक गुप्ता ने शनिवार को प्रतिस्पर्धी कानून और अभ्यास विषय पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईई) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से आयोजित वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'इस्तेमाल किए गए डेटा और ऑनलाइन रियल एस्टेट पर नियंत्रण से डिजिटल प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं की पसंद को आकार देने और प्रभावित करने सहित उन्हें अपने व्यवसायों तक खींचने की अद्वितीय स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा, 'जबकि भारत सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते डिजिटल उपभोक्ता आधार वाले देशों में से एक के रूप में उभर रहा है, बाजार की गड़बड़ियों को तुरंत ठीक करने की आवश्यकता है। इस संबंध में प्रवर्तन और नीति की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नियामक ढांचे की आवश्यकता है, जिसमें डिजिटल बाजार की जटिलताओं का ध्यान रखा गया हो।
उन्होंने कहा कि नए ढांचे में क्लासिक श्रेणियों सहित व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत डेटा पर चिंता और गुणवत्ता तथा गोपनीयता के अन्य आयामों को जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुद्दों की जल्द पहचान करने और तेजी से उसके निपटारे की पहल की जरूरत है। अशोक गुप्ता ने कहा कि चुनौतियां बहु-आयामी हैं और अविश्वास, विश्लेषणात्मक और नीतिगत ढांचे को डिजिटल बाजार की जटिलताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए आवश्यक बदलाव की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भले ही डिजिटल बाजार में गिरावट का खतरा भी है, लेकिन इससे निपटने के तरीकों की तेजी से पहचान बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा नीति निर्माताओं और नियामकों के लिए चुनौती ये है कि इन बाजारों में हो रहे विकास को लेकर सचेत रहें। साथ ही तमाम साधनों को हमेशा और विकसित करें और जरूरत के अनुसार ठीक करते रहें।