'घंटी बजने' का टाइम घटाकर Jio ने किया ऐसा खेल, एयरटेल, वोडाफोन ने भी पकड़ी वही राह, यूजर्स पर पड़ा भार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 15, 2019 12:22 PM2019-10-15T12:22:00+5:302019-10-15T12:22:00+5:30
एयरटेल, वोडाफोन सहित दूसरी टेलीकॉम कंपनियों का आरोप है कि रिलायंस जियो ने IUC चार्ज के चलते कॉल रिंग टाइम में बदलाव किया है।
यदि आपको अचानक से अपने फोन में ज्यादा मिस्ड कॉल देखने को मिलने लगी है तो ये मत सोचिए कि आपके फोन की वॉल्यूम कम थी या फिर आपने फोन रिसीव करने में देरी कर दी। दरअसल इसके पीछे टेलीकॉम कंपनियों जियो, एयरटेल, वोडाफोन का एक फैसला है। बाकी कंपनियों ने अपने इस फैसले के लिये रिलायंस जियो को जिम्मेदार ठहराया है। इस कदम की शुरुआत रिलायंस जियो ने की और अब बाकी कंपनियां भी इसी रास्ते पर हैं..
जब आप किसी को कॉल करते हैं तो फोन रिसीव होने से पहले तक आपको बेल जाने की आवाज जितनी देर तक सुनाई देती है इसे कहते हैं रिंग टाइम। पहले यह रिंग टाइम 45 सेकंड था। मतलब जब आप किसी को कॉल करते थे तो अधिकतम 45 सेकंड तक घंटी जाती थी। रिलायंस जियो ने काफी समय पहले से ही इसे घटाकर 20 सेकंड कर दिया था। इस वजह से 20 सेकंड के भीतर फोन न रिसीव करने पर मिस्ड कॉल हो जाती थी।
ऐसा करने के पीछे बड़ी वजह IUC चार्ज है। यह एक ऐसा चार्ज है जिसे ट्राई के जरिये एक कंपनी दूसरी कंपनी को देती है। यह चार्ज वह कंपनी देती है जिसके नंबर से आउटगोइंग कॉल की जाती है और पैसा उस कंपनी को मिलता है जिस नंबर पर कॉल किया गया है। ट्राई के एक आंकड़े के मुताबिक एयरटेल पर दूसरे नेटवर्क से आने वाले कॉल्स की संख्या 54.70 परसेंट है जबकि एयरटेल नेटवर्क से आउटगोइंग फोन कॉल्स 45.30 परसेंट है। जबकि जियो नंबरों पर इनकमिंग कॉल 35.75 परसेंट है और आउटगोइंग काल्स 64.25 परसेंट है। वोडाफोन आइडिया पर इनकमिंग कॉल 59.30 परसेंट है और आउटगोइंग कॉल 40.70 परसेंट है।
इन आंकड़ों को देखें तो जियो नंबर से आउटगोइंग कॉल सबसे ज्यादा हैं ऐसे में जियो को बाकी दूसरी कंपनियों को IUC चार्ज के तौर पर ज्यादा रुपये देना पड़ रहा है। बाकी कंपनियों एयरटेल, वोडाफोन का आरोप है कि जियो रिंग टाइम घटा कर इस स्थित को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है। अब इसके पीछे का खेल यह है कि जब रिंग टाइम कम हो जाएगा तो जिसे आप फोन कर रहे हैं अगर सामने वाला शख्स फोन रिसीव करने में थोड़ी भी देरी करता है तब तक फोन कट जाएगा और वह मिस्ड कॉल हो जाएगी। अब जिसके पास फोन गया है वह बैक कॉल करेगा। अब जब सामने वाला यूजर (जियो के अलावा नेटवर्क यूजर) बैक कॉल करेगा तो IUC चार्ज के तौर पर जियो को पैसे मिलेंगे।
इसके पीछे की गणित यह है कि जियो सिर्फ 4जी नेटवर्क पर ही काम करता है। यदि आपके पास 4जी हैंडसेट नहीं है तो जियो की सिम नहीं यूज कर सकते लेकिन एयरटेल और वोडाफोन के पास अभी भी लगभग 60 परसेंट ऐसे यूजर्स हैं जो 2जी नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। कई ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां जियो का नेटवर्क नहीं है तो वहां भी लोग वोडाफोन और एयरटेल यूज करते हैं।
ऐसे में IUC चार्ज को लेकर टेलीकॉम कंपनियों के बीच जंग एक बार फिर छिड गयी है जिसके चलते घाटा यूजर्स को हो रहा है। लेकिन टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि कॉल रिंग टाइम की समस्या को जल्द सुलझ जाएगी।