5 ऐसे खास फीचर्स जो महंगे एपल आईफोन में भी नहीं मिलते, जबकि एंड्राएड यूजर्स सस्ते स्मार्टफोन में उठाते फायदा

By रजनीश | Published: May 15, 2020 05:56 PM2020-05-15T17:56:14+5:302020-05-15T17:56:14+5:30

एंड्राएड और आईफोन दोनों ही तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम के अपने फायदे हैं। लेकिन कई फीचर्स ऐसे होते हैं जिनको आप किसी खास ऑपरटिंग सिस्टम पर ही इस्तेमाल कर सकते हैं।

5 things that Android phones can do Apple iPhone can't | 5 ऐसे खास फीचर्स जो महंगे एपल आईफोन में भी नहीं मिलते, जबकि एंड्राएड यूजर्स सस्ते स्मार्टफोन में उठाते फायदा

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsएपल यूजर्स के साथ एक परेशानी यह भी है कि आईफोन में एक साथ दो एप्स को इस्तेमाल करने का विकल्प नहीं है जबकि एंड्राएड यूजर्स स्पलिट स्क्रीन के जरिए स्मार्टफोन की स्क्रीन को दो हिस्सों में बांटकर एक साथ दो एप्स को इस्तेमाल कर सकते हैं। एंड्रॉयड फोन के प्ले स्टोर पर मौजूद कई तरह के लांचर्स के जरिए आप अपने फोन के लुक और यूजर इंटरफेस को कई तरह से बदल सकते हैं।

देशभर में कई तरह की कंपनियां अपने स्मार्टफोन बेचती हैं। लेकिन इसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्यत: 2 तरह के हैं। गूगल का एंड्राएड और एपल का आईओएस (iOS) यही दो इस समय स्मार्टफोन के लिए मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम हैं। तो अब बात कर लेते हैं इन दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम के खासियत के बारे में..

हम आपको कुछ ऐसे फीचर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका फायदा सिर्फ एंड्राएड यूजर्स उठा सकते हैं जबकि महंगी कीमत चुकाकर आईफोन खरीदने वाले यूजर्स इन फीचर्स का फायदा नहीं ले सकते।

​पसंदीदा एप बनेगा डिफॉल्ट एप
एंड्राएड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोन में यूजर्स मैसेजिंग से लेकर कॉलिंग, ईमेल जैसे सभी फीचर्स को डिफॉल्ट एप के तौर पर चुनने का विकल्प मिलता है। बात करें iOS यूजर्स की तो उनकी लंबे समय से मांग है कि जीमेल को उन्हें डिफॉल्ट ईमेल एप बनाने का ऑप्शन मिलना चाहिए। देखें तो एपल आईफोन यूजर्स को अपनी पसंद का डिफॉल्ट एप चुनने की आजादी नहीं है। 

अब एंड्राएड फोन में आप किसी भी एप को डिफॉल्ट एप बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फोन की सेटिंग्स में जाना होगा। इसके बाद एप और फिर नोटिफिकेशन सेक्शन में जाना होगा। इसके बाद डिफॉल्ट एप में जाकर यूजर्स अपनी पसंद के हिसाब से अपना डिफॉल्ट एप सेलेक्ट कर सकते हैं।

​दो एप्स का एक साथ इस्तेमाल
एपल यूजर्स के साथ एक परेशानी यह भी है कि आईफोन में एक साथ दो एप्स को इस्तेमाल करने का विकल्प नहीं है जबकि एंड्राएड यूजर्स स्पलिट स्क्रीन के जरिए स्मार्टफोन की स्क्रीन को दो हिस्सों में बांटकर एक साथ दो एप्स को इस्तेमाल कर सकते हैं। 

कस्टमाइजेशन की आजादी
एंड्रॉयड फोन के प्ले स्टोर पर मौजूद कई तरह के लांचर्स के जरिए आप अपने फोन के लुक और यूजर इंटरफेस को कई तरह से बदल सकते हैं। इनमें कई तरह के लॉन्चर हैं। आईफोन में आपको ऐसा कोई फीचर नहीं मिलता। 

​वॉलपेपर
गूगल का एंड्राएड अपने यूजर्स को वॉलपेपर एप डाउनलोड करने की आजादी देता है। इसके जरिए आप फोन की होम और लॉक स्क्रीन के लिए नए वॉलपेपर सेलेक्ट कर सकते हैं। कई बार ये वॉलपेपर हर बार लॉक-अनलॉक करने पर बदलते रहते हैं।

वॉइस असिस्टेंट
एंड्राएड और एपल दोनों ही अपने यूजर्स के लिए वॉइस असिस्टेंस सर्विस देती हैं। एंड्राएड डिवाइसेज में गूगल असिस्टेंस दिया गया है वहीं एपल अपने आईफोन में सीरी का सपोर्ट देता है। हालांकि गूगल असिस्टेंस को एपल यूजर्स भी फोन में गूगल एप इंस्टाल कर इस्तेमाल कर सकते हैं।

Web Title: 5 things that Android phones can do Apple iPhone can't

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