रात में शंख बजाना सही या गलत और क्यों सूरज ढलने के बाद नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते, जानिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 27, 2020 10:52 AM2020-01-27T10:52:20+5:302020-01-27T10:52:20+5:30
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को लेकर कोई बहुत विशेष समय की मान्यता नहीं है। आप किसी भी समय अपने ईश्वर की अराधना कर सकते हैं।
हिंदू मान्यताओं में ब्रह्म मुहूर्त को पूजा-पाठ और ध्यान के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। हालांकि, ये भी सही है कि पूरे 24 घंटे में पूजा का कोई निर्धारित समय नहीं है। इसके मायने ये हैं साधक जब भी चाहें अपने ईश्वर को याद कर सकते हैं, उनकी अराधना कर सकते हैं। कई व्रत-त्योहारों जैसे महाशिवरात्रि या दिवाली आदि में तो रात की पूजा का महत्व अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि कुछ जरूरी बातों का आप जरूर ख्याल रखें।
रात में शंख बजाना ठीक नहीं
ऐसी मान्यता है कि सूरज ढलने के बाद सभी देवी-देवता शयन के लिए चले जाते हैं। इसलिए शाम के बाद पूजा के दौरान शंख बजाना अच्छा नहीं माना जाता है।
इससे देवताओं की निद्रा में बाधा आती है। साथ ही शंख मुख्य रूप से भगवान विष्ण की पूजा के समय ही बजाया जाता है और उनकी पूजा दिन में ही की जानी चाहिए। ये भी माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद शंख बजाने से हानि होती है।
रात में नहीं तोड़े तुलसी के पत्ते
ये बात केवल तुलसी जी के लिए ही नहीं बल्कि सभी पेड़-पौधों के लिए भी लागू होते हैं। आम तौर तुलसी जी के पत्तों का प्रयोग भगवान विष्णु और सत्यनारायण जी की पूजा में होता है। ये अक्सर दिन में ही होते हैं।
दरअसल, माना जाता है सूर्यास्त के बाद का समय तुलसी जी के सोने का होता है। इसलिए उनके पत्ते तोड़ कर उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए। ऐसा ही दूसरे पेड़-पौधों के साथ भी है। उनके पत्ते या फल भी रात में नहीं तोड़ने चाहिए। अगर पूजा में इनकी जरूरत है तो इसे सूर्यास्त से पहले ही तोड़ कर अपने पास रख लें।