Easter का रंग-बिरेंगे Egg से क्या है कनेक्शन? इस देश ने शुरू की थी ये परंपरा
By मेघना वर्मा | Published: April 12, 2020 08:38 AM2020-04-12T08:38:52+5:302020-04-12T08:39:33+5:30
लॉकडाउन के बीच इस बार पूरी दुनिया में ईस्टर संडे सेलिब्रेट किया जाएगा। माना जाता है कि ईस्टर संडे के दिन ही प्रभु यीशु ने फिर से जन्म लिया था।
दुनियाभर में लॉकडाउन के बीच आज ईस्टर संडे को सेलिब्रेट किया जाएगा। ईसाई समुदाय के इस बड़े दिन को लोग आज अपने घरों में ही सेलिब्रेट करेंगे। 40 दिनों की प्रेयर के बाद ये ईस्टर संडे आता है जिसे लोग अपने-अपने अंदाज में शेयर करते हैं। मगर एक चीज जो कॉमन होती है वो ये कि ईस्टर के दिन रंग-बिरंगे अंडों को जरूर शामिल किया जाता है।
मान्यता है कि ईस्टर के दिन ही प्रभु यीशु फिर से जी उठे थे। क्रूस पर चढ़ जाने के तीसरे दिन प्रभु यीशु वापिस आए थे। जिसकी खुशी में हर साल ईसाई समुदाय ईस्टर संडे को मनाता है। इस दिन ईस्टर एग का भी काफी महत्व होता है। ईस्टर एग व चॉकलेट एग के पीछे क्या है कहानी आइए हम बताते हैं आपको-
क्या होता है ईस्टर एग
एग को हमेशा से नए जीवन और नवीनता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जब प्रभु यीशु मसीह का पुनर्जन्म हुआ तो उसी की याद में लोगों ने एग के साथ ईस्टर सेलिब्रेट करना शुरु कर दिया। सबसे पहले जर्मन प्रवासियों ने अमेरिका में एग के साथ ईस्टर सेलिब्रेशन की शुरुआत की थी।
खरगोश दे गया था टोकरी भर अंडे
19वीं सदी के अंत तक इस फेस्टिवल में भी कई तरह के बदलवा आए। दुकानदारों ने खरगोश के आकार की कैंडी को बेचना शुरू कर दिया। इसके बाद इन सभी चीजों में बदलाव होते गए। बच्चों को ईस्टर से जुड़ी कई कहानियां सुनाई जाने लगीं। जिसमें बताया जाता कि ईस्टर की सुबह खरगोश ने टोकरी भर के अंडे और कैरी दिए हैं। और बच्चे खुश हो जाते।
क्यों बदलती रहती है ईस्टर की तारीख
ईस्टर सेलिब्रेशन को लेकर खूब विवाद होता है। दरअसल एक बार ईसाई समुदाय के लोगों ने जीसस के पुर्जन्म की तारीख को याद रखना भूल गए। तब से ईस्टर सेलिब्रेशन ईसाईयों के लिए जटिल हो गया। जेविश हॉलीडे कैलेंडर सूर्य और चंद्रमा के चक्र के आधार पर बना है। इसलिए हर साल ईस्टर की तारिख में बदलाव आता रहता है।