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जब कलियुग खत्म होने में बाकी रहेंगे बस 10 हजार साल, तो होगीं कुछ ऐसी घटनाएं...

By मेघना वर्मा | Updated: May 14, 2020 08:54 IST

कलियुग के अंत समय की बहुत सारी बातें पुराणों में या लोककथाओं में सुनने को मिलती है।

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ठळक मुद्देकलियुग में अधर्म इतना बढ़ जाएगा कि अनहोनी जैसी घटनाएं होने लगेंगी। कलियुग का अंत होगा गंगा नदी ये धरती छोड़ देगी अर्थात गंगा का जल पूरी तरह सूख जाएगा।

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार चार युगों को बताया गया है। जिसमें त्रेता युग, द्वापर युग, सतयुग और कलियुग होता है। माना जाता है कि इस समय कलियुग चल रहा है। कलियुग के अंत समय की बहुत सारी बातें पुराणों में या लोककथाओं में सुनने को मिलती है। बताया ये भी जाता है कि कलियुग के अंत में ही भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेकर आएंगे। 

माना जाता है कि कलियुग के अंत में पाप इतना बढ़ जाएगा कि धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु को धरती पर इंसानी रूप में जन्म लेना होगा। विष्णु का कल्कि अवतार में पापों का नाश करेंगे। वहीं कलियुग के अंत में बचे दस हजार सालों का भी वर्णन शास्त्रों में किया गया है। 

कलियुग के अंत में क्या होगा इस संबंध में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-

दस हजार बीते बरस, कलि में तजि हरि देहि।तासु अद्रुध सुर नदी जल, ग्रामदेव अधि तेहि।

इस दोहे का अर्थ है जब कलियुग के दस हजार वर्ष शेष रह जाएंगे तब भगवान विष्णु पृथ्वी छोड़ देंगे। जब पांच हजार वर्ष शेष रह जाएंगे तब गंगा का जल पृथ्वी को छोड़ देगा और जब ढ़ाई हजार वर्ष ही मात्र बचे रहेंगे तब ग्राम देवता पृथ्वी छोड़कर चलें जाएंगे। 

अनहोनी जैसी होंगी घटनाएं

बताया जाता है कि कलियुग में अधर्म इतना बढ़ जाएगा कि अनहोनी जैसी घटनाएं होने लगेंगी। पाप और अत्याचार हद से अधिक बढ़ जाएगा। पृथ्वी और सूरज की गर्मी बढ़ जाएगी। धरती के समस्त जल स्त्रोत सूख जाएंगे। शास्त्रों के अनुसार चारों युगों का क्रम ऐसे ही चलेगा और कलियुग के बाद प्रलय होगा। 

फिर से होगा सृष्टी का निर्माण

बताया जाता है कि जिस समय कलियुग का अंत होगा गंगा नदी ये धरती छोड़ देगी अर्थात गंगा का जल पूरी तरह सूख जाएगा। सभी लोग देवी-देवताओं को पूजना छोड़ देंगे। धर्म का नाश हो जाएगा और अधर्म बढ़ता जाएगा। भगवान शिव ही प्रलय के देवता माने गए हैं। जब पूरी सृष्टि का नाश होने के बाद एक बार फिर से सृष्टि की रचना होगी। 

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