उत्पन्ना एकादशी 2018: आज है उत्पन्ना एकादशी व्रत, जानें पूजा की विधी और व्रत के नियम
By मेघना वर्मा | Published: December 3, 2018 10:35 AM2018-12-03T10:35:53+5:302018-12-03T10:35:53+5:30
मानना है कि इस व्रत को पूरे नियम और विधि से रहने पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है साथ ही पुण्य की प्राप्ति भी होती है।
हिन्दू धर्म में हर महीने आने वाली सभी एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है कई लोग हर एकादशी का व्रत रखते हैं और पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। इन्हीं एकादशी में एक है उत्पन्ना एकादशी यानी कृष्ण एकादशी। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से इंसान आरोग्य रहता है और उसे संतान की प्राप्ति होती है। इस साल 3 दिसम्बर को पड़ने वाले इस उत्पन्ना एकादशी की व्रत की मान्यता ये भी है कि जो कोई इस व्रत को रखता है उसकी मानसिक समस्या भी दूर होती है।
विष्णु का प्राप्त होता है आशीर्वाद
लोगों का मानना है कि इस व्रत को पूरे नियम और विधि से रहने पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है साथ ही पुण्य की प्राप्ति भी होती है। इस साल इस एकादशी व्रत की शुरुआत 3 दिसंबर से होगी तथा इसका पारण 4 दिसंबर को होगा। जिन श्रद्धालुओं को उत्पन्ना व्रत रखना है वह 3 दिसंबर को व्रत रखकर पूजा कर सकते हैं।
ये है पूजा का सही समय
उत्पन्ना व्रत 3 दिसंबर को शुरू होगा जो 4 दिसंबर तक चलेगा। सुबह 7 बजे से शुरू होकर ये 4 दिसंबर तक चलेगा। इस व्रत का 4 दिसंबर 9 बजकर 5 मिनट तक पारण करना बेहतर रहेगा। इस व्रत को दो तरके से रहा जा सकता है निर्जल और फलाहारी। व्रत रखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है।
उत्पन्ना एकादशी व्रत के समय गलती से भी ना करें ये काम
1. जो भी व्यक्ति बीमार है वो गलती से भी इस दिन व्रत ना रहें।
2. अगर आप एकादशी को व्रत रखना चाह रहे हैं तो दशमी की रात में भोजन करने से बचें।
3. इस व्रत में भगवान श्रीकृष्ण को सिर्फ फलों का ही भोग लगाना चाहिए ।
4. इस व्रत को बिना विष्णु को अर्घ्य दिए बिना कभी नहीं करना चाहिए।
5. जिस भी जल से अर्घ्य देना हो उसमें हल्दी मिलाएं मगर भूलकर भी इसमें दूध या रोली को ना मिलाएं।