उज्जैन: गंगा दशहरा पर सन्यासियों ने पेशवाई निकाल नीलगंगा सरोवर में स्नान किया
By बृजेश परमार | Published: May 30, 2023 09:56 PM2023-05-30T21:56:34+5:302023-05-30T21:57:57+5:30
आयोजन गंगा दशहरा पर्व के उपलक्ष्य पर प्राचीन नीलगंगा सरोवर पर जूना अखाड़ा की तरफ से किया गया। इसमें अखाड़ा परिषद अध्यक्ष, महामंत्री सहित कई महामंडलेश्वर और साधु संत शामिल हुए।
उज्जैन: धर्म नगरी उज्जैन में मंगलवार को सिंहस्थ सा नजारा देखने को मिला। सिंहस्थ महापर्व की तर्ज पर यहां गंगा दशहरा पर्व पर सन्यासी अखाड़े के सन्यासियों ने पवित्र नीलगंगा से पेशवाई निकालकर यहां स्थित पवित्र सरोवर में स्नान किया। आयोजन गंगा दशहरा पर्व के उपलक्ष्य पर प्राचीन नीलगंगा सरोवर पर जूना अखाड़ा की तरफ से किया गया। इसमें अखाड़ा परिषद अध्यक्ष, महामंत्री सहित कई महामंडलेश्वर और साधु संत शामिल हुए।
गंगा दशहरा पर्व पर पूर्वान्ह में सिंहस्थ की तर्ज पर एक भव्य पेशवाई(शोभायात्रा) यहां स्थित गार्डन से निकाली गई। रथ, हाथी, घोड़ो पर सवार साधु संत ने नीलगंगा से हरि फाटक ब्रिज तक शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा के प्राचीन नीलगंगा सरोवर पहुंचने पर यहां स्नान ध्यान पूजन किया।
सिंहस्थ 2016 के उपरांत गंगा दशहरा पर यह आयोजन पंच दशनाम जूना अखाड़ा करता आ रहा है।इसमें सभी अखाड़ों के संत महंत, महामंडलेश्वर शामिल होते हैं। आयोजन के मुख्य अतिथि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविन्द्र पूरी महाराज थे। वहीं सभी अखाड़ों के वरिष्ठ संतो और पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए।
जूना अखाड़ा के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी महाराज और अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरी महाराज ने बताया कि पहले नीलगंगा सरोवर एक गंदे तालाब के रूप में था जिसका महत्व समझकर हमने इसे एक सरोवर का रूप प्रदान किया है यहां बनारस की तरह गंगा जी स्वयं प्रकट हुई थी इसलिए इसका महत्व भी गंगा से कम नही है और हम सब धन्य है कि हमें यहां स्नान का अवसर मिल रहा है।
दोपहर में अखाड़ा के शिव आकार भवन पर कांग्रेस नेता सज्जनसिंह वर्मा एवं उनके साथ महाकाल लोक में मूर्ति गिरने की जांच करने आए कमेटी के सदस्य यहां पहुंचे। उनका हरि गिरि महाराज ने केसरिया चादर ओढ़ाकर सम्मान किया।