Tulsidas Jayanti 2019: तुलसीदास ने जब एक प्रेत और हनुमान जी की मदद से किये भगवान श्रीराम के दर्शन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2019 06:44 AM2019-08-07T06:44:39+5:302019-08-07T06:44:39+5:30

तुलसीदास भगवान राम की कथा लोगों को सुनाते थे। कहते हैं कि इस दौरान एक बार राम कथा सुनाते समय इनकी मुलाकात एक प्रेत से हुई। प्रेत ने तुलसीदास को हनुमान जी से मिलने का उपाय बताया।

Tulsidas Jayanti 2019 Birth Annivarsary When Tulsidas met to Lord Rama | Tulsidas Jayanti 2019: तुलसीदास ने जब एक प्रेत और हनुमान जी की मदद से किये भगवान श्रीराम के दर्शन

तुलसीदास ने जब किये भगवान राम के दर्शन

Highlightsतुलसीदास जयंती आज, रामचरितमानस के रचयिता हैं संत तुलसीदाससावन महीने से शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है तुलसीदास जयंती

Tulsidas Jayanti 2019: रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास की आज जयंती है। इसे हर साल सावन महीने से शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। 16वीं शताब्दी में जन्में तुलसीदास के बारे में ऐसी मान्यता है कि कलयुग में उन्हें भगवान हनुमान सहित श्रीराम और लक्ष्मण ने दर्शन दिये थे। कई लोग तुलसीदास को महर्षि वाल्मिकी के पुनर्जन्म के रूप में देखते हैं। कहते हैं कि भगवान राम के प्रति अत्यंत भक्ति के कारण ही तुलसीदास को भगवान राम का दर्शन करने का मौका मिला।

Tulsidas Jayanti 2019: प्रेत ने तुलसीदास को बताया रास्ता

तुलसीदास भगवान राम की कथा लोगों को सुनाते थे। कहते हैं कि इस दौरान एक बार राम कथा सुनाते समय इनकी मुलाकात एक प्रेत से हुई। प्रेत ने तुलसीदास को हनुमान जी से मिलने का उपाय बताया। तुलसीदास को जब हनुमान के दर्शन हुए तो उन्होंने उनसे राम से मिलने की जिद की। हनुमान जी ने पहले तो इसे टालने की कोशिश की लेकिन जब तुलसीदास नहीं माने तो भगवान ने कहा कि श्रीराम के दर्शन उन्हें चित्रकूट में होंगे।

Tulsidas Jayanti 2019: राम को देखकर भी पहचान नहीं सके तुलसीदास

तुलसीदास ने इसके बाद चित्रकूट के रामघाट में डेरा जमाया। एक दिन तुलसीदास को दो बहुत सुंदर युवक घोड़े पर सवार नजर आये। तुलसीदास जी ने जब इन्हें देखा तो वे सुध-बुध खो बैठे लेकिन वे पहचान नहीं सके ये राम और लक्ष्मण हैं। इनके चले जाने के बाद हनुमान जी ने जब असली बात बताई तो तुलसीदास पछताने लगे। 

तुलसीदास को दुखी देख हनुमानजी ने कहा कि कल सुबह आपको फिर राम दर्शन देंगे। अगले दिन तुलसीदास जब घाट पर रामकथा सुनाने के बाद लोगों को चंदन लगा रहे थे तभी एक सुंदर बालक के रूप में भगवान राम इनके पास आये और कहा- 'बाबा हमें चंदन नहीं लगाओगे।'    

ऐसे में हनुमान जी को लगा कि कही ऐसा न हो कि तुलसीदास फिर भगवान को पहचान नहीं सके। ऐसे में हनुमान जी ने एक तोते का रूप धारण किया और गाने लगे- 

'चित्रकूट के घाट पर, भइ सन्तन की भीर। तुलसीदास चन्दन घिसें, तिलक देत रघुबीर॥'

इस बीच भगवान राम ने खुद तुलसीदास का हाथ पकड़कर तिलक लगा लिया और उनके माथे पर भी तिलक लगाकर अन्तर्धान हो गए।

English summary :
Tulsidas Jayanti 2019: Today is the birth anniversary of Saint Tulsidas, the author of Ramcharitmanas. It is celebrated every year from the Sawan month on the Saptami date of the Shukla party.


Web Title: Tulsidas Jayanti 2019 Birth Annivarsary When Tulsidas met to Lord Rama

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