गजब! बाहर प्रचंड गर्मी और गर्भगृह में होता है सर्दी का एहसास, अनोखा है भगवान शिव-पार्वती का ये मंदिर
By मेघना वर्मा | Published: May 25, 2020 09:46 AM2020-05-25T09:46:21+5:302020-05-25T09:46:21+5:30
टिटलागढ़ को उड़ीसा का सबसे गर्म क्षेत्र बताया जाता है। ये मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है।
हमारे देश में लोगों की भगवान पर अटूट आस्था है। ये लोगों की श्रद्धा ही है जो ईश्वरीय शक्ति पर आस्था रखते हैं और कुछ रहस्यों का ईश्वरीय शक्ति का रूप दे देते हैं। इस शक्ति का रूप हमें अक्सर देखने को मिल जाता है। देश में ऐसे कुछ रहस्यमयी मंदिर हैं। जिनके बारे में अभी भी वैज्ञानिक कुछ पता लगा नहीं पाए हैं और जिन्हें लोग ईश्वरीय शक्ति बताते हैं।
ऐसा ही एक मंदिर है उड़ीसा के टिटलागढ़ में। इस मंदिर का रहस्य अभी तक सामने नहीं आया है। कितने ही वैज्ञानिकों ने इसपर शोध भी किया पर कुछ पकड़ नहीं पाएं। भक्त इसे ईश्वरीय शक्ति का रूप देते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है इस टिटलागढ़ मंदिर की खासियत-
है सबसे गर्म क्षेत्र
टिटलागढ़ को उड़ीसा का सबसे गर्म क्षेत्र बताया जाता है। ये मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इसी जगह पर एक कुम्हड़ा पहाड़ है। इसी पहाड़ की चोटी पर है ये अनोखा टिटलागढ़ मंदिर। पथरीली चट्टार के चलते इस मंदिर के बाहर प्रचंड गर्मी होती है। लोगों का मंदिर के बाहर लाइन में लगना मुश्किल हो जाता है मगर मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही गर्मी का असर खत्म हो जाता है।
लगती है ठंड
टिटलागढ़ मंदिर के अंदर जाने पर आपको ठंड का एहसास होता है। मंदिर की ये चीज अभी भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है। विकराल गर्मी के कारण जहां मंदिर के बाहर खड़े होना दुश्वार होता है वहीं मंदिर के अंदर पहुंचते ही सर्दी का एहसास होने लगता है। हैरानी की बात ये है कि बस मंदिर के परिसर और गर्भगृह में ही ये एहसास होता है आप जैसे ही परिसर छोड़कर बाहर आते हैं फिर से गर्मी विकराल रूप ले लेती है।
ऐसी है मान्यता
इस मंदिर के रहस्य को अभी तक कोई नहीं जान पाया है। हलांकि मंदिर के पुरोहितों और पंडितों का कहना है कि मंदिर के अंदर रखी शिव और पार्वती की मूर्ती से ही ठंडी हवा निकलती है। जिस कारण से मंदिर का परिसर ठंडा होता है। यहां के पुरोहित बताते हैं कि गर्मियों में कभी-कभी यहां तापमान इतना गिर जाता है कि कंबल ओढ़ना पड़ता है।