इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर यानी आज लगने जा रहा है। अब से कुछ घंटों बाद सूर्य ग्रहण लग जाएगा। ग्रहण कोई भी हो, इसमें सभी की खास दिलचस्पी होती है। खासकर वैज्ञानिकों और ज्योतिष विशेषज्ञों की इसमें खास दिलचस्पी होती है।
हिंदू धर्म में भी सूर्य ग्रहण को लेकर कुछ खास मान्यताएं है और इस कारण आम लोग भी इसके समय और दूसरे पहलुओं के बारे में जानना चाहते हैं। अहम ये भी है कि मान्यताओं के अनुसार हर ग्रहण का असर हमारी राशियों और आने वाली जिंदगी पर पड़ता है। इस लिहाज से भी सभी की दिलचस्पी इसमें रहती है।
पंचागों के अनुसार सूर्य ग्रहण का स्पर्श गुरुवार सुबह 8.17 बजे होगा और इस ग्रहण की पूरी अवधि 2 घंटे 40 मिनट होगी। जानकारों के अनुसार ग्रहण का मोक्ष सुबह 10 बजकर 57 मिनट होगा। इस ग्रहण को भारत में देखा जा सकता है। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण है।
विज्ञान की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण उसे कहते हैं जब चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। हालांकि, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाता। ऐसे में सूर्य का बाहरी गोलकारा हिस्सा दिखता रहता है। ऐसे में सूर्य कुछ समय के लिए किसी छल्ले की तरह नजर आता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। चंद्र ग्रहण में सूतक 9 घंटे पहले शुरू होता है। ऐसे में इस बार सूर्य ग्रहण का सूतक आज (25 दिसंबर) ही रात 8 बजे से शुरू हो जाएगा। इस वजह से मंदिरों के पट शयन आरती के बाद बंद हो जाएंगे और अगले दिन दोपहर बाद ही खुलेंगे। सूतक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। साथ ही भगवान की प्रतिमा भी नहीं छूनी चाहिए। इस ग्रहण का असर सभी 12 राशियों पर पड़ने वाला है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान भोजन या पानी नहीं पीने की सलाह भी दी जाती है। भोजन पकाने की भी मनाही होती है। हालांकि गर्भवती स्त्री, बच्चे या बीमार व्यक्ति जरूरत पड़ने पर वैसा भोजन कर सकते हैं, जिस पर तुलसी का पता रखा गया हो। साथ ही गर्भवती स्त्रियों को खास ध्यान देने की सलाह दी होती है।