Shardiya Navratri 2023: महाष्टमी पर कन्या पूजन के लिए जानें मुहूर्त, सामग्री और संपूर्ण विधि
By रुस्तम राणा | Updated: October 21, 2023 18:14 IST2023-10-21T18:14:50+5:302023-10-21T18:14:50+5:30
कन्या पूजन महाष्टमी और महानवमी तिथि पर किया जाने का प्रावधान है। मान्यताएं ये भी हैं कि महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ होता है। महाष्टमी तिथि 22 अक्टूबर (रविवार) को है।

Shardiya Navratri 2023: महाष्टमी पर कन्या पूजन के लिए जानें मुहूर्त, सामग्री और संपूर्ण विधि
Shardiya Navratri Kanya Pujan 2023:शारदीय नवरात्रि पर्व का समापन कन्या पूजन के साथ किया जाता है। कन्या पूजन महाष्टमी और महानवमी तिथि पर किया जाने का प्रावधान है। मान्यताएं ये भी हैं कि महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करना शुभ होता है। कन्या पूजन में नौ कन्याओं और एक कंजक को घर में बना अन्न और प्रसाद खिलाया जाता है और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ पैसे और उपहार देकर विदा किया जाता है। ये नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होती हैं। परंतु ध्यान रहे, दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन करने का विधान है।
महाष्टमी तिथि कब है ?
अश्विन शुक्ल महाष्टमी यानि दुर्गाष्टमी की शुरुआत 21 अक्टूबर 2023 को रात 09.53 मिनट से 22 अक्टूबर 2023 को रात 07.58 मिनट तक रहेगी।
महाष्टमी के पूजन मुहूर्त
कन्या पूजन के लिए सुबह या दोपहर का मुहूर्त शुभ माना जाता है।
कन्या पूजन के लिए सुबह का मुहूर्त - सुबह 07.51 बजे से सुबह 10.41 बजे तक
कन्या पूजन के लिए दोपहर का मुहूर्त - दोपहर 01.30 बजे से दोपहर 02.55 बजे तक
कन्या पूजन से पहले करें ये सामग्री एकत्र
स्वच्छ जल, साफ कपड़ा, कलावा, चावल, फूल, चुनरी, फल, मिठाई, भोजन सामग्री, हलवा पूड़ी और चना का प्रसाद, उपहार, आरती की थाल
कन्या पूजन की संपूर्ण विधि
1. महाष्टमी के दिन स्नानआदि करके भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।
2. कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं को और एक कंजक को आमंत्रित करें।
3. इसके बाद सभी कन्याओं का स्वच्छ जल से हाथ-पैर धुलाएं और साफ कपड़े से पोछें।
4. उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।
5. इसके बाद कन्याओं के हाथ में मौली या कलावा बाधें।
6. एक थाली में घी का दीपक जलाएं और सभी कन्याओं की आरती उतारें।
7. आरती करने के बाद सभी कन्याओं को भोग लगाएं और खाने में पूड़ी, चना और हलवा जरूर खिलाएं।
8. भोजन के बात अपनी सामर्थ अनुसार उन्हें भेंट दें।
9. आखिरी में कन्याओं का पैर छूकर उनसे आशीर्वाद जरूर लें और उन्हें विदा करें।