Mauni Amavasya and Shani Transit: आज मौनी अमावस्या है। इस दिन संगम में स्नान और दान का विशेष महत्व है। इन सबके बीच आज शनि भी अपनी राशि बदल रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ढाई साल में अपनी राशि बदलने वाले शनि करीब 29 साल बाद अपनी मूल राशि मकर में प्रवेश कर रहे हैं। इसका व्यापक असर सभी राशियों पर दिखेगा।
शनि के इस राशि परिवर्तन से जहां वृषभ और कन्या राशि वाले जातक ढैय्या से मुक्त होंगे वहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों पर ढैय्या का प्रभाव होगा। कुल मिलाकर मिथुन, तुला और कुम्भ राशि राशि के लिए आने वाले दिन संघर्षपूर्ण रहने वाले हैं।
इस राशि के जातकों को आर्थिक और पारिवारिक परेशानियों का सामना करना होगा। स्वास्थ्य में गिरावट सहित तनाव और उलझन बढ़ेगी। दुर्घटना से चोट का भी भय है। व्यवसाय में विघ्न के संकेत मिल रहे हैं। लाभ कम और खर्च अधिक होगा।
शनि कब करेंगे मकर राशि में प्रवेश?
पंचांग के अनुसार शनि 24 जनवरी को दोपहर करीब 12.10 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनिदेव का जन्म भी ज्येष्ठ मास की अमावस्या को ही हुआ था इसलिए इस अमावास्या पर शनि का राशि परिवर्तन करना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह अमावस्या शुक्रवार को है, इसलिए इसे शुभ भी माना गया है। मौनी अमावस्या को मनु ऋषि का भी जन्मदिन मनाया जाता है।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या क्या है?
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या दोनों अलग-अलग हैं। ढैय्या यानी ढाई साल के समय को कहा जाता है। वहीं, साढ़ेसाती यानी ढाई-ढाई साल के तीन चरण (पूरे साढ़े सात साल) होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। इस दौरान शनि की साढ़ेसाती उस राशि पर तो रहेगी, उसके साथ ही आगे वाली एक राशि और पीछे वाली एक राशि पर भी रहेगी।
इस तरह एक बार में शनि के कारण तीन राशियां साढ़ेसाती के प्रभाव में रहती हैं। शनि जब किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस पर साढ़ेसाती के पहले ढाई साल पूरे हो चुके होते हैं और दूसरा चरण शुरू हो जाता है।
वहीं, अगली राशि पर साढ़ेसाती के ढाई साल शुरू हो जाते हैं। ढैय्या का मतलब जिस राशि पर शनि की वक्र दृष्टि होती है और जिस राशि में शनि होता है उससे छठी राशि पर शनि की ढैय्या रहती है।