शनि जयंती 2020: इन 5 मंत्रों से मिलेगी शनि साढ़ेसाती से मुक्ति, दूरे होंगे सभी दोष
By मेघना वर्मा | Published: May 22, 2020 11:27 AM2020-05-22T11:27:58+5:302020-05-22T11:38:40+5:30
शनि देव कर्मों के देवता कहलाते हैं। शनि जयंती पर लोग भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं।
आज(22 मई) देश भर में शनि जयंती मनाई जा रही है। हिन्दू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साथ ही यह दिन वट सावित्री व्रत का ही है।
शनि देव कर्मों के देवता कहलाते हैं। शनि जयंती पर लोग भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं। इस दिन अमावस्या होने से व्रत भी किया जाता है। शनि जयंति के दिन शनि मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है। मगर इस साल लॉकडाउन के चलते ना ते ये संभव है ना ऐसा करना उचित।
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 9 बजकर 35 मिनट रात्रि (21 मई)
अमावस्या तिथि समाप्त - 11 बजकर 8 मिनट रात्रि (22 मई)
करें इन शनि मंत्रों का जाप-
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
तांत्रिक शनि मंत्र:
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र-
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि जयंती पर करें ये काम
- पीपल के पेड़ के नीचे शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं
- चीटियों को काला तिल और गुड़ खिलाएं
- चमड़े के जूते चप्पल गरीबों में दान करें
- पीपल के पेड़ में केसर, चन्दन, फूल आदि अपिर्त करके तेल का दीपक जलाएं
- यदि नीलम धारण किया हुआ है तो इसे शनि जयंती पर उतार दें