Sawan 2021: सावन में शनिदेव को कैसे करें खुश, किन राशियों पर साढ़े साती और शनि ढैय्या का है प्रकोप? जानें उपाय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 29, 2021 02:22 PM2021-07-29T14:22:17+5:302021-07-29T14:25:40+5:30
Shani shanti upay: सावन में भगवान शिव की पूजा का बहुत महत्व है। इसी महीने में कुछ खास उपाय कर आप भगवान शनि को भी प्रसन्न कर सकते हैं। जानिए क्या हैं वे तरीके
Shani Upay, Puja Vidhi:सावन का महीना शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म में इस माह का बहुत महत्व है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा करने की विशेष परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही शनि ग्रह भी मजबूत होता है।
शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है और ऐसा उन्हें भगवान शंकर ने ही बनाया। स्वयं शनिदेव भी भोलेशंकर की पूजा करते हैं। ऐसे में मान्यता है कि शंकर जी के भक्तों पर शनिदेव की कभी कुदृष्टि नहीं पड़ती है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे पर आप शनि दोष से बच सकते हैं।
शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या का असर किन राशियों पर
शनिदेव वर्तमान में मकर राशि में गोचर हैं। वे मकर राशि में वक्री अवस्था में हैं। साथ ही मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि ढैय्या चल रही है। जबकि धनु, मकर और कुंभ वालों पर शनि की साढ़े साती है। ऐसे में सवाल है कि इन राशियों के लिए सावन में शनि को मजबूत करने के क्या-क्या उपाय हैं? आईए, हम आपको बताते हैं।
शिवलिंग पर चढ़ाएं जल: शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या के प्रकोप से बचने के लिए रोजना सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। जल चढ़ाने के बाद श्री रुद्राष्टम स्रोत का भी पाठ करें। ऐसा करने भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहेगी और तमाम कष्ट दूर होंगे।
शिवलिंग पर चढ़ाएं कच्चे चावल: सावन के महीने में हर शनिवार को शिवलिंग पर कच्चे चावल भी चढ़ाएं। साथ ही भगवान शिव पर शहद अर्पित करने से भी कष्टों से मुक्ति मिलती है। ये उपाय खास तौर पर शनिवार के दिन जरूर करना चाहिए।
काले तिल, कपड़ों का दान: सावन में शनिवार को चीटियों को गुड़ खिलाना चाहिए। पीपल के पेड़ में भी जल चढ़ाए। साथ ही शनिवार के दिन तिल, काले कपड़े, ताला, काले छाते, जूते आदि जरूरतमंदों को दान करने से लाभ मिलता है।
सरसो का तेल चढ़ाएं: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय सालों भर कर सकते हैं। हालांकि सावन में जरूर इसका पालन करें। शनिवार को शनिदेव के मंदिर जाकर सरसों का उन्हें तेल चढ़ाए और तिल के तेल का दीपक भी जलाएं। शनि देव के मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला की मदद से करें। भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से भी लाभ मिलता है।