सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस महीने में भगवान शिव भक्तों की आराधना से आसानी से खुश हो जाते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। आइये आपको बताते हैं सावन के महीने में ऐसे मंत्रों के बारे में जिसके जाप से भोलेबाबा प्रसन्न होकर भक्तों को मनचाहा वर देते हैं..
ओम त्र्यंबकम याजमाहे सुगंधिम पुष्ठी वर्धनमउर्वारुकैमिवा बंधनाथ श्रीमती सुब्रमण्यम
शिवपुराण में सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जप करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस मंत्र के जप से संसार के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही इसका जप करने से मृत्यु के भय और जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
करारचंद्रम वैका कायाजम कर्मगम वीश्रवणनजम वा मनामम वैद परामहम
विहितम विहिताम वीए सर मेट मेटाटक्षासव जे जे करुणाबधे श्री महादेव शंभो
सावन में इस मंत्र का जप करना विशेष फलदायी माना गया है। सावन में हर रोज इस मंत्र का जप करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। सावन में हर रोज इस मंत्र के जप से आत्मा की शुद्धि होती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
ओम नमः शिवाय
यह बहुत प्रचलित शिव मंत्र है। इस मंत्र का मतलब है, ‘मैं भगवान शिव को नमन करता हूं’। सावन में हर रोज इस मंत्र का 108 बार जप करने से आत्मा पवित्र होती है और भगवान शिव की कृपा मिलती है। साथ ही धन की प्राप्ति होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात
यह बहुत शिव गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली मंत्र बताया जाता है। सावन में हर रोज इस मंत्र का जप करने से सभी समस्याएं दूर होती हैं। यह मंत्र भगवान शिव के सभी रूपों की पूजा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सावन में हर रोज जप से भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है और सभी तरह के रोग भी दूर रहते हैं।