सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी को पड़ने वाले नाग पंचमी का पावन पर्व इस बार 5 अगस्त को पड़ रहा है। दिलचस्प बात ये है कि 20 साल बाद ऐसा मौका आया है जब नाग पंचमीसावन मास के सोमवार को पड़ रहा है। यह काफी शुभ माना गया है। ऐसा इसलिए कि सोमवार भगवान शंकर को समर्पित दिन है और नागों को भी उनका ही आभूषण माना गया है। इससे पहले 1999 में ऐसा मौका आया था जब सावन का सोमवार और नागपंचमी एक साथ पड़े थे। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से काल सर्पदोष कम होता है और घर में खुशियां आती हैं।
Nag Panchami 2019: कब शुरू होगी पंचमी तिथि और शुभ मुहूर्त
सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 4 अगस्त (रविवार) को शाम 6.50 बजे से शुरू हो जाएगी और 5 अगस्त को शाम 3.55 तक जारी रहेगी। खास बात ये भी है कि इस दिन सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ कर्क राशि में चतुष्ग्रही होकर मौजूद रहेंगे। इससे पर्व की शुभता और बढ़ेगी। 5 अगस्त (सोमवार) को सुबह 6:54 बजे तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और शाम 5:24 बजे हस्त नक्षत्र के बाद चित्रा नक्षत्र लग जाएगा।
Nag Panchami 2019: नाग पंचमी के दिन पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन अपने घर के बाहर द्वार पर दोनों ओर गोबर से सर्प की आकृति बनाकर उनका दही, अक्षत, पुष्म, मोदक, दूर्वा आदि से पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद आरती करें और नाग पंचमी की कथा सुननी चाहिए। साथ ही ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। मान्यता है कि जो शख्स भी नाग पंचमी का व्रत और पूजन करना है, उसकी कामनाएं पूरी होती है।
Nag Panchami 2019: कालसर्प दोष होता है कम
मान्यताओं है कि अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो नाग पंचमी के दिन पूजा करने से यह दूर हो जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करे और ऊं नम: शिवाय का जप करें। साथ ही कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को हर रोज भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा करनी चाहिए।