लाइव न्यूज़ :

Sawan 2019: सावन का दूसरा सोमवार व्रत आज, वाराणसी से लेकर हरिद्वार और देवघर में शिव भक्ति की धूम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 29, 2019 08:52 IST

झारखड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम मंदिर में सालों से सावन में भगवान शंकर को जल चढ़ाने की परंपरा रही है। इस लिहाज से यहां श्रावण मास में भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है।

Open in App
ठळक मुद्देसावन के दूसरे सोमवार व्रत पर देशभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम में जल चढ़ाने के लिए आधी रात से जुटे हैं श्रद्धालुवाराणसी सहित दिल्ली, प्रयागराज, उज्जैन में भी शिव भक्तों की भीड़

सावन मास के दूसरे सोमवार व्रत के दिन देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ जुटी है। देवघर के प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम से लेकर प्रयागराज, दिल्ली, गोरखपुर, वाराणसी और उज्जैन में शिव मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए भक्तों की तांता लगा हुआ है। उत्तराखंड के हरिद्वार में भी गंगा जल के लिए कांवड़िये बड़ी संख्या में जुटे हैं। सावन के इस महीने में अब तक 3 करोड़ से ज्यादा कांवड़िये हरिद्वार पहुंचे हैं। सोमवार के बाद 30 जुलाई को ही शिवरात्रि का त्योहार होने से भक्तों की भीड़ और ज्यादा उमड़ी है। 

दरअसल, देश के कुछ क्षेत्रों मसलन दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश आदि में शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में ज्यादातर कांवड़िये जल लेकर शिवरात्रि के दिन शिव मंदिर पहुंचने की कोशिश करते हैं। इसलिए शिवरात्रि से पहले हरिद्वार में कांवड़ लिये भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है।

देवघर, वाराणसी में शिव भक्तों की भीड़

झारखड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम मंदिर में सालों से सावन में भगवान शंकर को जल चढ़ाने की परंपरा रही है। इस लिहाज से यहां श्रावण मास में भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है। दूसरे सोमवार व्रत के मौके पर यहां आधी रात से ही भक्त लाइन में खड़े होकर जल चढ़ाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आये। वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आई।   

सावन-2019: आज प्रदोष व्रत भी

सावन के दूसरे सोमवार व्रत के दिन ही प्रदोष व्रत भी है। इसलिए इस सोमवार का महत्व और बढ़ गया है। मान्यता है कि बेचैन और चंचल चित रखने वाले लोगों के लिए यह व्रत काफी फलदायी है। इस व्रत को करने से जीवन में हमेशा सफलता के मौके बढ़ जाते हैं और साधक के बिना किसी बाधा के सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। दरअसल, प्रदोष काल उस समय कहते हैं जब सूर्यास्त हो गया हो और अंधेरा भी नहीं हुआ हो। प्रदोष व्रत में इस अवधि में भगवान शिव की पूजा की जाती है।

टॅग्स :सावनभगवान शिव
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटVIDEO: सूर्यकुमार यादव पत्नी के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और दर्शन किए, देखें वीडियो

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: सरगी करने का सही समय क्या? जानें करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: पहली बार किसने रखा था करवा चौथ का व्रत, कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें यहां

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: तन, मन और आत्मा के जागरण का पर्व, धर्म, भक्ति, शक्ति और स्वास्थ्य

बॉलीवुड चुस्कीहर घर महादेव का उद्घोष, गुरु मां करिश्मा शेट्टी के सान्निध्य में शिबानी कश्यप के घर भव्य शिव संग

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय