Shravan 2019: सावन के आखिरी सोमवार के दिन बन रहा है प्रदोष व्रत का भी संयोग, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 9, 2019 11:26 AM2019-08-09T11:26:52+5:302019-08-09T12:46:56+5:30

Sawan last Somvar and Pradosh Vrat 2019: सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण 12 अगस्त का महत्व ऐसे भी काफी बढ़ गया है। साथ ही प्रदोष व्रत ने इस दिन को और शुभ बना दिया है।

Sawan 2019 last Somvar vrat on 12th August with shravan pradosh and shubh muhurat | Shravan 2019: सावन के आखिरी सोमवार के दिन बन रहा है प्रदोष व्रत का भी संयोग, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

सावन के आखिरी सोमवार के दिन प्रदोष व्रत भी

Highlightsसावन 15 अगस्त को रक्षा बंधन के त्योहार के साथ होगा खत्म, 12 अगस्त को आखिरी सोमवारसावन-2019 के आखिरी सोमवार के दिन प्रदोष व्रत का भी है शुभ संयोगसोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बहुत शुभ माना गया है

भगवान शिव को प्रिय सावन के महीने का समापन 15 अगस्त को रक्षाबंधन के त्योहार के साथ हो जाएगा। वैसे, इससे पहले भगवान शिव की भक्ति में डूबने का एक अहम मौका 12 अगस्त को जरूर आ रहा है। 12 अगस्त को सावन का सोमवार है। साथ ही शुभ संयोग ये भी है कि इसी दिन प्रदोष व्रत भी है। मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं। यही नहीं, इस दिन भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करने से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है।

Sawan 2019: आखिरी सोमवार के दिन प्रदोष व्रत भी

सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण 12 अगस्त का महत्व ऐसे भी काफी बढ़ गया है। साथ ही प्रदोष व्रत ने इस दिन को और शुभ बना दिया है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की ही पूजा की जाती है। यह पूजा शाम में की जाती है। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है। इसे शुक्ल और कृष्ण दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी के दिन किया जाता है। इसलिए इसे तेरस भी कहा जाता है।

ऐसे में जिस दिन भी प्रदोष व्रत होते हैं, उसकी महिमा अलग होती है। सभी का महत्व और लाभ भी अलग-अलग होता है। वैसे तो हर दिन का प्रदोष शुभ है लेकिन कुछ विशेष दिन बेहद शुभ और लाभदायी माने जाते हैं। इसमें सोमवार को आने वाले प्रदोष, मंगलवार को आने वाले भौम प्रदोष और शनिवार को पड़ने वाले शनि प्रदोष का महत्व अधिक है। जिस प्रकार भगवान विष्णु को समर्पित दो एकादशी होते हैं, वैसे ही हर माह दो प्रदोष व्रत भी आते हैं।

Sawan 2019: प्रदोष व्रत पर इस बार क्या है पूजा का समय

प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा शाम को ही शुरू करने की मान्यता है। यह शाम का वो समय होता है जब पूरी तरह से अंधेरा भी नहीं रहता है तो दिन की हल्की रोशनी भी बाकी रहती है। इसलिए प्रदोष व्रत में पूजा का शुभ समय हमेशा शाम को ही रहता है। इस बार यानी 12 अगस्तो को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6.59 बजे से रा 9.10 बजे के बीच का है। 

प्रदोष व्रत की पूजा आरंभ करने से पहले स्नान करें और पवित्र वस्त्र पहनकर पूजा करने बैठे। संभव हो तो उत्तर-पूर्व की ओर मुंह करते हुए पूजा के स्थान पर बैठें। इसके बाद पांच रंगों से रंगोली बनाए और पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। अभिषक के बाद विधिवत पूजा करें और बेल पत्र, धतुरा, फूल, मिठाई, फल आदि का भोग भगवान शिव को लगाएं।

मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत करने से आर्थिक संकटों से जूझ रहे लोगों को विशेष लाभ होता है। अविवाहित लड़के-लड़कियों के लिए भी इस पूजन का महत्व है। पुत्र की कामना करने वाले लोगों को भी इस व्रत को करना चाहिए।

English summary :
The month of Sawan, beloved by Lord Shiva, will conclude on 15 August with the festival of Raksha Bandhan. By the way, before this, on August 12, is the last somvar of sawan month Sawan.


Web Title: Sawan 2019 last Somvar vrat on 12th August with shravan pradosh and shubh muhurat

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