लाइव न्यूज़ :

पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दिखाया 'शोर मंदिर', हिरण्यकश्यप और प्रहलाद से है इस मंदिर का खास संबध, पढ़ें मंदिर का रहस्य

By मेघना वर्मा | Updated: October 12, 2019 10:51 IST

महाबलीपुरम में स्थित शोर मंदिर को पांच रथ मंदिर भी कहा जाता है। इसका ये नाम स्थानीय लोगों ने दिया है। वहीं शोर मंदिर से बेहद करीब बंगाल की खाड़ी है।

Open in App
ठळक मुद्देपीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने शोर मंदिर का दर्शन किया।शोर मंदिर को स्थानीय लोग पंच रथ मंदिर भी बुलाते हैं।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दौरे पर हैं। ऐसे में पीएम मोदी कल दो बजे शी जिनपिंग को चेन्नई लेने पहुंचे और शाम को पांच बजे दोनों ने मुलाकात की। पीएम मोदी ने उन्हें मामल्लापुर के तीन स्मारकों अर्जुन की तपस्या स्थली, पांच रथ और शोर मंदिर का दर्शन करवाया। महाबलीपुरम में स्थित इस मंदिर की प्राचीनता देखते ही बनती है। दक्षिण भारत के कुछ प्राचीन मंदिरों में इनका नाम शामिल है। आइए आपको बताते हैं मंदिर की कुछ खास विशेषताएं।

शोर मंदिर

महाबलीपुरम में स्थित शोर मंदिर को पांच रथ मंदिर भी कहा जाता है। इसका ये नाम स्थानीय लोगों ने दिया है। वहीं शोर मंदिर से बेहद करीब बंगाल की खाड़ी है। जिससे आने वाले शोर की वजह से इस मंदिर का नाम शोर मंदिर पड़ा। मंदिर की विशेषता ये है कि यह एक ऐसा मंदिर है जिसे पत्थर काटकर पूरी तरह से भारतीय शैली में बनाया गया है। 7वीं शताब्दी में बना ये मंदिर टूरिस्ट के लिए आकर्षण का केन्द्र है। पांच रथ मंदिर को यूनेस्को ने विश्व विरासत घोषित किया है। 

बताया जाता है कि मंदिर की कुछ संरचनाए आज भी अधूरी हैं। इस मंदिर को राजा महेनद्रवर्मन प्रथम ने अपने शासनकाल में बनवाया था। ग्रेनाइट से बनी इस मंदिर की सबसे रहस्यमयी बात ये है कि 13वीं सदी में आए भयंकर समुद्री तुफान के से लड़कर भी ये मंदिर अभी भी ज्यों का त्यों खड़ा है। 

बनें हैं तीन मंदिर

शोर मंदिर के अंदर तीन मंदिर बने हुए हैं। मध्य में भगवान विष्णु का मंदिर हैं जबकि दोनों ओर भगवान शिव के मंदिर स्थित हैं। शोर मंदिर में स्थित एक पत्थर के संरचना के अनुसार तीनों मंदिरों के नाम स्वर शिलालेख के अनुसार क्षत्रियसिम्हा पल्लेस्वारा-गृहम, राजसिम्हा पल्लेस्वारा-गृहम और प्लिकोंदारुलिया-देवर हैं।

क्या कहती हैं पौराणिक कथाएं

शोर मंदिर की पौराणिक कथाओं की बात करें तो माना जाता हैं कि राक्षस राजा हिरण्यकश्यप और उनके पुत्र प्रहलाद का सम्बन्ध इस मंदिर हैं। कहते हैं कि भगवान श्री हरी विष्णु ने नरसिंह अवतार धारण करके इस स्थान पर हिरण्यकश्यप का वध किया था। हिरण्यकश्यप की मृत्यु के बाद प्रह्लाद राजा बना। एक कहानी प्रचलित हैं जिसके अनुसार राजा प्रह्लाद के पुत्र राजा बली ने महाबलीपुरम के इस दर्शनीय मंदिर की स्थापना कराई थी।

पांच पांडव रथ है विशेष आकर्षक केंद्र

शोर मंदिर का मुख्य आकर्षण पांच पांडव रथ है। इनमें से चार पांडवों के नाम पर हैं लेकिन पांचवे रथ को द्रौपदी रथ के नाम से जाना जाता है। यहां स्थित सभी रथ बेहद विशाल और एक दूसरे से अलग हैं। इनकी बनावट उस समय के कुशल कारीगरों की शिल्प कला का उदाहरण है। 

कुछ सालों पहले ही मंदिर के आगे समुद्र की ओर पत्थरों की एक दीवार बनाई गई है। ताकि समुद्र के कटाव के कारण इस मंदिर को अधिक नुकसान ना हो। 1984 में इस मंदिर को यूनेस्को वैश्विक धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया। वर्ष 2004 में आई सुनामी के कारण मंदिर को भारी क्षति पहुंची और इसका कुछ हिस्सा नष्ट हो गया।

टॅग्स :नरेंद्र मोदीतमिलनाडुपूजा पाठ
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय